हरियाणा हलचल। कोरोना की वजह से आज शिक्षा ब्लैकबोर्ड से स्मार्टबोर्ड में तब्दील हो गई है। तकनीक का उपयोग करके क्लासरूम टीचिंग को मजबूत और रुचिकर बनाया जा सकता है। उक्त शब्द डीएवी गल्र्स कॉलेज की प्रिंसिपल डॉ. आभा खेतरपाल ने फैक्लिटी ओरिएंटेशन प्रोग्राम के दौरान कहे। कार्यक्रम का आयोजन एफडीपी सेल की ओर से किया गया। अध्यक्षता कॉलेज प्रिंसिपल डॉ. आभा खेतरपाल व एफडीपी सेल इंचार्ज डॉ. सुरिंद्र कौर ने संयुक्त रूप से की। आयोजन को सफल बनाने में एफडीपी सदस्या डॉ रचना सोनी व डॉ. मीनाक्षी सैनी ने सहयोग दिया।
डॉ. खेरपाल ने कहा कि वर्तमान में कोविड-19 के संकट ने इंसानी जीवन के हर पक्ष को प्रभावित किया है। शिक्षा जगत भी इससे अछूता नहीं है। कोरोना की वजह से कॉलेजों व विश्विद्यालयों में पढ़ाने का तरीका पूर्णत: बदल गया है। आज पूरी शिक्षा तकनीक पर आधारित हो गई है। इसलिए सभी शिक्षकों को तकनीक ज्ञान होना बेहद जरूरी है। ताकि वे विद्यार्थियों को ऑनलाइन पढ़ाते समय स्वयं को असहज महसूस न करें। प्रोफेसरों के व्याख्यान को रिकॉर्ड करना और उन्हें ऑनलाइन उपलब्ध कराना भी तकनीकी का उपयोग करना ही है। इन तकनीकों का उपयोग कर सामाजीकरण की प्रक्रिया को शिक्षा के द्वारा बढ़ाया जाता रहा है।
डॉ. सुरिंद्र ने कहा कि वर्चुअल मोड में शिक्षा का अचानक बदलाव कई चुनौतियों के साथ आया है। लॉकडाउन के कारण कॉलेज व विश्वविद्यालयों की शिक्षा काफी प्रभावित हुई है। परिणाम स्वरूप शिक्षा अब तेजी से ई-शिक्षा की ओर अग्रसर हो रही है। ई-शिक्षा में वेब आधारित लर्निंग, मोबाइल आधारित लर्निंग, कंप्यूटर आधारित लर्निंग एवं वर्चुअल क्लासरूप इत्यादि शामिल है।
डॉ. रचना सोनी ने टीचर्स को माइक्रोसॉफ्ट टीम एप का इस्तेमाल करने के बारे में विस्तृत जानकारी दी। साथ ही उन्होंने टीचर्स को ऑनलाइन टीचिंग के फायदों से भी अवगत कराया। और बताया कि वे किस प्रकार से अपना स्टडी मैटिरियल, असाइनमेंट्स, सेंपल पेपर्स, टाइम टेबल सहित सभी जरूरी एवं महत्वपूर्ण सूचनाएं माइक्रोसॉफ्ट टीम एप के द्वारा सांझा कर सकते हैं।