यमुनानगर (रादौर)। यमुना नदी के नगली घाट पर यूपी व हरियाणा को जोडने के लिए बनाए जाने वाले लगभग आधा किलोमीटर के पुल निर्माण के लिए 60 एकड़ भुमि को अधिग्रहण करने की पीडब्ल्यूडी विभाग ने प्रक्रिया मंगलवार से शुरू कर दी है। योजना के तहत पीडब्ल्यूडी विभाग पुल बनाने के लिए चार गांव गुमथला, संधाला, नगली व प्रहलादपुर, के 66 किसानों से निशुल्क भुमि अधिग्रहण कर रहा है। इसी कडी में 20 किसानों ने मंगलवार को तहसील रादौर व पीडब्ल्यूडी रेस्ट हाऊस यमुनानगर में विभाग के जेई जोगिन्द्र सिंह को उनकी भुमि पुल बनाने के लिए दिए जाने को लेकर अपने अष्टाम दिए। इस बारे विभाग के जेई जोगिन्द्रसिंह ने बताया कि नगली घाट पर बनाया जाने वाला पुल 576 मीटर यानी 1890 फुट का होगा। जो आधा किलोमीटर से कुछ ज्यादा होगा। जिस पर 15 पीलर बनाकर पुल खडा किया जाएगा। विभाग संबंधित किसानों से निशुल्क उनकी भूमि लेकर ही पुल का निर्माण करेगा।
भुमि के 400 मालिक :
जिस भुमि को अधिग्रहण किया जाना है, उसके लगभग मुस्तरखा खाते के तहत लगभग 400 मालिक बताए जा रहे है। जब तक सभी लोग अपनी भुमि को निशुल्क सरकार के नाम रजिस्ट्री नहीं करवाते, तब तक पुल का निर्माण कार्य शुरू नहीं होगा। प्रशासन के अधिकारियों के आदेशानुसार पुल के लिए भूमि देने वाले किसानों को तहसील में जाकर रजिस्ट्री करवानी होगी। जिसका इंतकाल सरकार के नाम जाएगा।
भुमि के 400 मालिक :
जिस भुमि को अधिग्रहण किया जाना है, उसके लगभग मुस्तरखा खाते के तहत लगभग 400 मालिक बताए जा रहे है। जब तक सभी लोग अपनी भुमि को निशुल्क सरकार के नाम रजिस्ट्री नहीं करवाते, तब तक पुल का निर्माण कार्य शुरू नहीं होगा। प्रशासन के अधिकारियों के आदेशानुसार पुल के लिए भूमि देने वाले किसानों को तहसील में जाकर रजिस्ट्री करवानी होगी। जिसका इंतकाल सरकार के नाम जाएगा।
आसान नहीं होगा पुल के लिए जमीन हासिल करना :
क्षेत्र के लोगों की मांग पर प्रदेश सरकार हरियाणा व यूपी को जोडने के लिए करोडों रूपए खर्च कर पुल का निर्माण करने की घोषणा कर चुकी है। लेकिन इसकी एवज में सरकार चाहती है कि पुल के लिए संबंधित किसान सरकार को निशुल्क भुमि उपलब्ध करवाए। 60 एकड भुमि अधिग्रहण की जानी है। जिसके लगभग 400 से अधिक हिस्सेदार बताए जा रहे है। जब तक सभी हिस्सेदार अपने हिस्से की भुमि को निशुल्क सरकार को नहीं देते, तब तक पुल का निर्माण कार्य शुरू नहीं होगा। ऐसे में 400 हिस्सेदारों से निशुल्क भुमि अधिग्रहण करना सरकार के लिए टेडी खीर साबित होगा। मंगलवार को पहले दिन केवल 20 किसानों ने अपनी भुमि सरकार को पुल बनाने के लिए निशुल्क देने के लिए अष्टाम दिए है। किसानों में निशुल्क भुमि देने को लेकर कोई विशेष उत्साह नहीं दिख रहा है। ऐसे में सवाल उठता है कि 400 हिस्सेदारों से सरकार पुल बनाने के लिए कैसे भुमि हासिल करेगी। इसके लिए लंबा समय लग सकता है और पुल बनाने में भी देरी होगी।
क्षेत्र के लोगों की मांग पर प्रदेश सरकार हरियाणा व यूपी को जोडने के लिए करोडों रूपए खर्च कर पुल का निर्माण करने की घोषणा कर चुकी है। लेकिन इसकी एवज में सरकार चाहती है कि पुल के लिए संबंधित किसान सरकार को निशुल्क भुमि उपलब्ध करवाए। 60 एकड भुमि अधिग्रहण की जानी है। जिसके लगभग 400 से अधिक हिस्सेदार बताए जा रहे है। जब तक सभी हिस्सेदार अपने हिस्से की भुमि को निशुल्क सरकार को नहीं देते, तब तक पुल का निर्माण कार्य शुरू नहीं होगा। ऐसे में 400 हिस्सेदारों से निशुल्क भुमि अधिग्रहण करना सरकार के लिए टेडी खीर साबित होगा। मंगलवार को पहले दिन केवल 20 किसानों ने अपनी भुमि सरकार को पुल बनाने के लिए निशुल्क देने के लिए अष्टाम दिए है। किसानों में निशुल्क भुमि देने को लेकर कोई विशेष उत्साह नहीं दिख रहा है। ऐसे में सवाल उठता है कि 400 हिस्सेदारों से सरकार पुल बनाने के लिए कैसे भुमि हासिल करेगी। इसके लिए लंबा समय लग सकता है और पुल बनाने में भी देरी होगी।