छछरौली। हरियाणा को उसकी संपूर्णता और विविधता के साथ पेश करने वाली विनय मलिक के छायाचित्रों की भव्य ट्रवैल्स फोटो प्रदर्शनी का आयोजन चार दिन तक गुरुग्राम में किया गया। इसमें हरियाणा की विविधतापूर्ण झलक दिखाने वाले करीब पांच सौ चित्र प्रदर्शित किए गए। प्रदर्शनी में हरियाणा की ऐतिहासिक धरोहरों, कला-संस्कृति, प्रदेश के जनजीवन और सांस्कृतिक-धार्मिक परिवेश को आकर्षित करने वाले विषय सतरंगी तस्वीरों के माध्यम से प्रस्तुत किए गए। हरियाणा की भव्य झलक एक ही छत के नीचे पेश करने वाली इस प्रदर्शनी नेसबके दिल जीत लिए। बरसों की मेहनत के बाद ऐसे प्रयास सामने आते हैं और लोगों को लुभाते हैं। हरियाणा की समृद्ध और गौरवशाली सांस्कृतिक विरासत को दिखाने वाली इस प्रदर्शनी का आयोजन कला एवं सांस्कृतिक कार्य विभाग और प्रैस कंट्रोल रूम ने किया। ये प्रदर्शनी 7 और 8 तारीख को जिला यमुनानगर के कस्बा छछरौली के गवर्नमेंट कॉलेज में आयोजित की गई। प्रदर्शनी का उद्घाटन कॉलेज के प्रिंसिपल एस पी गिलोत्रा ने किया। इस प्रदर्शनी से कॉलेज सैकड़ों छात्र-छात्राएं हरियाणा की संस्कृति और विरासत के विभिन्न रूपों से रूबरू हुए। प्रदर्शनी के शुभारंभ पर हेरिटेज के पोस्टर का लोकार्पण भी किया। इस पोस्टर को गांव-गांव में लगवाया जाएगा। इसमें में प्राचीन धरोहरों को संरक्षित करने का संदेश दिया गया। इस मौके परकला एवं सांस्कृतिक कार्य विभाग ने कॉलेज के ग्यारह सर्वश्रेष्ठ छात्र-छात्राओं को सम्मानित भी किया। प्रदर्शनी में हरियाणा के विकास और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के सपने न्यू इंडिया के विजऩ की परिकल्पना को भी सुरुचिपूर्ण मूर्त रूप देने का प्रयास किया गया है। कला एवं सांस्कृतिक कार्य विभाग की अतिरिक्त मुख्य सचिव धीरा खंडेलवाल की पहल पर यह आयोजन हुआ। अब हरियाणा के सभी 22 जिलों में ऐसी फोटो प्रदर्शनियों का आयोजन किया जाएगा। दूसरे चरण में 11 जिलों को शामिल किया गया है। प्रदर्शनी के पहले चरण का समापन पंचकूला में होगा । फोटो प्रदर्शनी में हरियाणा को कल, आज और कल विषय के तहत दर्शाया जा रहा है। हरियाणा के गौरवमयी अतीत को छायाचित्रों में समेटने को अनूठा प्रयास किया गया है। प्रदर्शनी में हरियाणा की ऐतिहासिक धरोहरों को प्रदर्शित किया गया है, जिनके विषय में आज की युवा पीढ़ी को शायद ही कोई जानकारी हो। प्रदेश के सभी जिलों में स्थित ऐतिहासिक धरोहरों का एक संग्रह तैयार किया गया है, जिसे प्रदर्शनी में दर्शाया जा रहा है। इसमें जींद की ऐतिहासिक धरोहरों के भित्तिचित्र दर्शनीय हैं। प्रैस कंट्रोल के सीईओ विनय मलिक बताते हैं कि भित्तिचित्रों को देखने के लिए दीवारों को कई घंटों तक पानी से धुलवाना पड़ता है। इस प्रदर्शनी में चित्रों के साथ सेल्फी लेने के लिए छात्र-छात्राओं होड़ लगी रही। प्रदर्शनी में हरियाणा के बीते स्वर्णिम काल को दर्शाया गया है। इस प्रदर्शनी में अलग राज्य के रूप में वजूद में आने के हरियाणा के 50 बरसों के काल खंड की अनूठी यात्रा है। बीते दौर को श्वेेत-श्याम छायाचित्रों और समकालीन दौर को सतरंगी छायाचित्रों के माध्यम से बेहद खूबसूरती से दर्शाया गया है। इसमें मुख्यतया ऐतिहासिक धरोहरें, प्राचीन मंदिर, कुएं, बावडिय़ां, तालाब, हवेलियां, पारंपरिक आभूषण, कृषि, आम जनजीवन, मंदिर-मसजिद, मजार, पुल, सडक़ें, ऊंची इमारतें,विशिष्ट चेहरों आदि की मुंह बोलती तस्वीरें पेश की गई थी। पारंपरिक आभूषणों को देखकर छात्र-छात्राएं रोमांचित हो उठे। इन आभूषणों के फोटो में कंठी, कड़े, तागड़ी, कड़ी छलकड़े, तातीपाती, बुजनी आदि को प्रदर्शित किया गया। बदलते परिवेश के साथ आधुनिक रूप में बदल रहे हरियाणा की तस्वीर को मैट्रो और केजीपी आदि विकास की तस्वीरों के साथ प्रदर्शित किया गया। प्रदर्शनी को तैयार करने में प्रमुख भूमिका अदा करने वाली ग्राफिक्स डिजाइनर मोनिका ने प्रदर्शनी को जीवंत रूप देने का भरसक प्रयास किया गया है। प्रदर्शनी के माध्यम से बदलते पहनावे तथा संसाधनों को भी प्रदर्शित किया गया है। विकास के पथ पर सरपट दौड़ते हरियाणा की झलक भी छायाचित्रों में देखने को मिली। जिसने भी इस प्रदर्शनी का अवलोकन किया, वह वाह-वाह करने से खुद को रोक नहीं पाया।