यमुनानगर। कृषि एवं किसान कल्याण विभाग द्वारा कृषि यंत्रो द्वारा फसल अवशेष प्रबंधन व CHC स्थापना के लिए प्रशिक्षण बैठक का आयोजन किया गया। इसमें बागवानी विभाग के महानिदेशक डा. अर्जुन सिंह सैनी मुख्य अतिथि रहे। बैठक में कृषि विभाग, बागवानी विभाग, राजस्व व प्रदूषण बोर्ड के कर्मचारियों व किसानों ने हिस्सा लिया।
डा. अर्जुन ने किसानों को बताया कि कृषि विभाग द्वारा फसल अवशेष प्रबंधक व कस्टम हाईरिंग सेंटर स्थापित करने के लिए सरकार द्वारा किसानों को अनुदान दिया जा रहा है। किसान इस अनुदान का पूरा फायदा उठाकर CHC स्थापित करें व फसल अवशेषों को मिट्टी में ही मिला दें। उन्होंने बताया कि यथावत फसल अवशेष प्रबंधन के लिए केंद्रीय सैक्टर स्कीम केंद्र सरकार द्वारा केवल तीन राज्यों हरियाणा, पंजाब व उत्तरप्रदेश में शुरू की गई है। उन्होंने उपस्थित अधिकारियों से कहा कि वे फानों से होने वाले नुकसान व इनके प्रबंधन के लिए कृषि यंत्रों पर दिये जा रहे अनुदानों बारे किसानों को जागृत करें।
उप कृषि निदेशक डा. सुरेंद्र सिंह यादव ने बताया कि प्रथम चरण में कृषि यंत्रों द्वारा यथावत फसल अवशेष प्रबंधन व CHC स्थापना हेतु 15 जून तक 473 ग्राम पंचायतों में जागरूकता शिविरों का आयोजन किया जा चुका है। CHC स्थापित करने के लिए अब तक कुल 1088 आवेदन मिले हैं। शीघ्र ही इनका चुनाव मैरिट के आधार पर किया जाएगा। डा. यादव ने कृषि विभाग द्वारा चलाई जा रही प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना, कृषि सिंचाई योजा, सॉयल हैल्थ कार्ड स्कीम, क्लाईमेट स्मार्ट एग्रीक्लचर व परम्परागत कृषि विकास योजना बारे भी जानकारी दी।
जिला बागवानी अधिकारी डा. हीरालाल ने बागवानी विभाग द्वारा चलाई जा रही विभिन्न स्कीमों की जानकारी दी। सहायक कृषि अभियंता डा. विनीत जैन ने बताया कि जिले में 60 CHC स्थापित करने का लक्ष्य मिला है। विभिन्न खंडोंं में धान क्षेत्र गांवों के कलस्टर बनाए गए हैं जिनमें 8 से 10 गांवों के एक कलस्टर पर एक कस्टम CHC सेंटर स्थापित किया जाएगा। CHC सेंटर स्थापित करने की लागत 10 से 75 लाख रूपये है जिसमें किसानों को 80 प्रतिशत अनुदान दिया जाएगा ।
कृषि विज्ञान केंद्र दामला के जिला विस्तार विशेषज्ञ डा. संदीप रावल ने कृषि अवशेष प्रबंधन यंत्रों से फसल बिजाई के बारे में विस्तार से जानकारी दी।