बन संतौर : यह स्थान कलेसर के पास छछरौली से उत्तर पूर्व में स्थित है और महाभारत के राजा ‘शांतनु‘ से जुड़ा हुआ माना जाता है। यह प्रदेश का अकेला हाथी पुनर्वास केंद्र है। यहां पर बिना विभागीय अनुमति के निजी व्यक्तियों द्वारा रखे गए हाथी को जब्त कर छोड़ा जाता है। सन् 2008 में लगभग एक करोड़ की लागत से 50 एकड़ जमीन पर चौ. सुरेंद्र सिंह हाथी पुनर्वास केंद्र की स्थापना की गई। बनसंतौर हाथी पुनर्वास केंद्र (एलिफेंट सेंटर) जिले का बड़ा टूरिस्ट स्पॉट के रूप में उभर सकता है, इस पर सरकार की योजना भी है। यहीं पर पहले से ही कलेसर नेशनल पार्क को टूरिज्म के लिए खोला हुआ है। – यमुनानगर हलचल।