रादौर। कस्तूरबा गांधी मैमोरियल ट्रस्ट रादौर में स्वतंत्रता सेनानी व राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की पत्नी कस्तूरबा गांधी की पुण्यतिथि मनाई गई। इस अवसर पर ट्रस्ट की संचालक तारा बहल व स्थानीय लोगों ने कस्तूरबा गांधी के चित्र पर फुलमालाएं अर्पित कर अपनी श्रंद्धाजलि भेंट की। इस अवसर पर आयोजित कार्यक्रम में कस्बें की सैकडों महिलाओं ने भाग लिया। पुण्यतिथि के अवसर पर भजन कार्यक्रम में बापू के प्रिय भजन रघुपति राघव राजा राम, पतितपावन सीता राम को गाया गया। इस अवसर पर तारा बहल ने कहा कि कस्तूरबा गांधी एक महान स्वतंत्रता सेनानी थी। महात्मा गांधी की पत्नी होने के नाते उन्होंने गांधी जी का स्वतंत्रता संग्राम में बढचढ कर कदम कदम पर सहयोग किया। गांधी जी उनके सहयोग से ही दुनिया में बुलन्दियों को छुने में कामयाब हुए। कस्तूरबा गांधी अनपढ होते हुए भी महिला शिक्षा व बच्चों के कल्याण के लिए गांव गांव घुमकर महिलाओं को जागरूक करती थी। दो अक्टूबर 1944 को महात्मा गांधी के जन्मदिवस पर सरोजनी नायडू ने उन्हें एक करोड 31 लाख 79 हजार व 373 रूपए भेंट किए थे। गांधी जी ने इतनी बडी रकम को अपनी पत्नी द्वारा महिलाओं व बच्चों के कल्याण के लिए चलाई जा रही योजनाओं में लगवाया। 1942 को जब भारत छोडो आंदोलन चलाया गया तो अंग्रेजों ने पुना में गांधी जी को गिरफ्तार कर लिया। इस दौरान बम्बई के चौपाटी पर गांधी जी को एक बडी जनसभा को संबोधित करना था। उनकी अनुपस्थिति में कस्तूरबा गांधी ने मोर्चा संभाला। उन्होंने चौपाटी पर आयोजित विशाल जनसभा को संबोधित करते हुए कहा कि अंग्रेजों भारत छोडों तो भारी भरकम भीड ने उनके इस नारे पर आसमान को गुंजा दिया था। सादे विचारों व साधारण स्वभाव की कस्तूरबा गांधी ने बापू के हर आंदोलन में उनका कंधे से कंधा मिलाकर साथ दिया। उनके योगदान को कभी नहीं भुलाया जा सकेगा। वह आज की महिलाओं के लिए प्रेरणास्रोत का काम कर रही है। इस अवसर पर महिलाओं ने समाजिक बुराईयों को जड से समाप्त करने की शपथ ली।