रादौर। राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय अंटावा में एक कार्यक्रम का आयोजन किया गया। कार्यक्रम में स्कूल की ओर से बच्चों को कुपोषण के बारे में विस्तार से जानकारी दी गई। इस अवसर पर स्कूल की प्राध्यापिका लक्ष्मी चौपड़ा ने प्रार्थना सभा में बच्चों को समझाया कि कुपोषण क्या होता है। शरीर के लिए आवश्यक संतुलित आहार लंबे समय तक नहीं मिलना ही कुपोषण है। भारत में 5 साल से कम आयु के 21 प्रतिशत बच्चे कुपोषण का शिकार है। यदि आपकों को पोटिन कार्बोहाईट्रेट, वसा, विटामीन और खनिजों सहित पर्याप्त पोषक तत्त्व नहीं मिले तो आप कुपोषण से पीडित हो सकते है। कुपोषण से ग्रस्त बच्चों को वजन की कमी, रक्त की कमी आदि बिमारियां घेर लेती है। इन बिमारियों से बचने के लिए सभी माता पिता को ऐसा आहार खिलाना चाहिए, जिससे बच्चों का शारीरिक व मानसिक विकास हो सके।