यमुनानगर। रादौर : धर्म के माध्यम से ही संपूर्ण विश्व को एकता के सूत्र में पिरोया जा सकता हैं। तभी पूरे विश्व में सदभावना और शांति की कल्पना को संभव बनाया जा सकता हैं। इसके लिये सामुहिक प्रयास को आधार मानते हुए परम आवश्यकता हैं। यह उदबोधन स्वामी महेशाश्रम जी महाराज पक्का घाट रादौर ने पत्रकारो को जारी एक प्रैस ब्यान में कहे। उन्होंने कहा कि अगर संपूर्ण विश्व में भारत की प्रतिष्ठित छवि को धुमिल होने से बचाना है तो सभी के सामुहिक प्रयास की आवश्यकता हैं। तभी आदर्श समाज, आदर्श राष्ट्र और संस्कृति की कल्पना को संभव बनाया जा सकता हैं। उन्होंने चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि आज हमारे देश की युवा पीढी पर विदेशों की कुसंस्कृति एवं पश्चिमी सभ्यता हावी हो रही हैं। अगर इससे शीघ्र ही बचाव न किया गया तो भविष्य प्रभावित होगा। जो अभिभावकों के लिये परिवारिक संकट पैदा कर सकता हैं। उन्होंने क हा की घर के बडे बुजुर्गाे एवं खासतौर पर माताओं को चाहिये कि वे सभी परीवारिक सदस्यों को धर्म मार्ग पर चलने की प्रेरणा देते हुए भारतीय सभ्यता, संस्कारों के विषयों में समय समय पर जागरूक करती रहें। अपने अपने क्षेत्र में होने वाली धार्मिक आयोजनों में पुरी भावना से शामिल होने के लिये प्रेरित करना चाहिये। ताकि बचपन से ही संस्कार युक्त शिक्षा ग्रहण करते हुए एक आदर्श जीवन बना सके। इस अवसर पं० ज्ञानप्रकाश शर्मा, विजय शर्मा, बालकिशन, संदीप सैनी, बलबीर , सोमनाथ अरोडा, मास्टर प्रवेश कुमार, सूनील कुमार, संदीप कुमार, राहुल सैनी सहित कस्बें के सैकडों श्रद्धालु उपस्थित थे।