यमुना नगर। प्रकृति ने हमारे लिए एक स्वस्थ एवं सुखद आवरण का निर्माण किया है, परन्तु मानव ने विकास एवं भौतिक सुख-सुविधओं की पूर्ति हेतु प्रकृति के इस उदार स्वभाव को नष्ट किया है। प्रकृति के विनाश में तथा पर्यावरण के प्रदूषण में मानव की नकारात्मक भूमिका को नकारा नहीं जा सकता। वर्तमान में वैश्विक पर्यावरण परिवर्तन में मानव की गतिविधियिाँ जिम्मेदार है। यही चिंता का विषय है। इस ज्वलंत विषय पर चितंन हेतु हिन्दू गर्ल्स काॅलेज जगाध्री में आई सी एस एस आर द्वारा प्रायोजित विज्ञान संकाय द्वारा दो ।-दिवसीय राष्ट्रीय संगोष्ठी का आयोजन किया गया संगोष्ठी का विषय ‘वैश्विक पर्यावरण एवं सामाजिक उत्तरदायित्व’ था। संगोष्ठी की संयोजिका प्राचार्या डाॅ0 उज्ज्वल शर्मा ने गणमान्य अतिथियों एवं विभिन्न महाविद्यालयों से आए प्रतिभागियों का स्वागत किया तथा उन्होनें संगोष्ठी से पर्यावरण सुरक्षा के क्षेत्रा में उपलब्ध् समाधन के प्रति आशा जताई।
काॅलेज प्रशासक एवं उपमंड अधिकार भारत भूषण कौशिक ने संगोष्ठी के सुचारू रूप से संचालन की तथा सार्थक समाधन की कामना की। संगोष्ठी की आयोजन सचिव डाॅ0 रजनी कपूर एवं श्रीमती मोनिका खुराना ने संगोष्ठी संचालन का कार्यभार संभाला। डाॅ0 रजनी कपूर ने संगोष्ठी के विषय चयन पर प्रकाश डालते हुए वर्तमान युग में इसकी प्रासांगिकता को रेखांकित किया। संगोष्ठी के उद्घाटन सत्रा की अध्यक्षता प्रो0 अशोक अग्रवाल, वनस्पति विज्ञान विभाग, कुरूक्षेत्रा विश्वविद्यालय कुरूक्षेत्रा एवं डीन पफेकल्टी ने की। बीज-वक्तव्य की प्रस्तुति देते हुए प्रो0 जगबीर सिंह, जीव विज्ञान विभाग, पंजाबी विश्वविद्यालय, पटियाला ने अपने वक्तव्य में कहा कि मानव द्वारा पर्यावरण विनाश से जीवन को जो खतरा उत्पन्न हो रहा है उसके लिए मानव को पर्यावरण- संरक्षण के क्षेत्रा में कार्य करना अनिवार्य होगा। संगोष्ठी संयोजिका श्रीमती मोनिका खुराना ने प्रतिभागियों का ध्न्यवाद ज्ञापन किया।
प्रो0 अशोक अग्रवाल की अध्यक्षता में प्रथम सत्रा के प्रतिष्ठित वक्ताओं प्रो0 पी के जोशी-प्रो0 स्कूल आॅफ एनवायरमेंट सांईस,जवाहर लाल विश्वविद्यालय, नई दिल्ली, प्रो0 वी पी उन्याल, वाइल्ड लाईफ इंस्टीच्यूट आॅफ इंडिया, देहरादून, प्रो0 नवनीत बिटठल, गुरूकुल कांगडी विश्वविद्यालय, हरिद्वार तथा एम एल एन काॅलेज, यमुनानगर के सह प्राध्यापक, डाॅ0 राजीव कलसी, ने चयनित विषय पर अपने विचार रखे। पर्यावरण प्रदूषण के कारणों पर प्रकाश डालते हुए सभी ने प्रदूषण को समाप्त करने के लिये सम्पूर्ण विश्व को ज्ञापन तौर पर चर्चा कर इसका समाधन निकालने की आवश्यकता को चिह्नित किया। सभी ने एक मत से इस दिशा में त्वरित कदम उठाने पर बल देते हुए कहा कि यदि ऐसा नहीं किया गया तो वह दिन दूर नहीं जब यह दुनियाँ अन्त की ओर अग्रसर होगी। समानान्तर सत्रा में विभिन्न महाविद्यालयों कें प्रतिभागियों ने अपने शोध् पत्रा प्रस्तुत किये।