विधानसभा अध्यक्ष कंवरपाल के भाई भाजपा नेता अशोक चौधरी बहादुर पुर ने किया शुभारंभ
यमुनानगर /छछरौली। रामलीला एक ऐसा मंच है जहां हमें अपने धर्म और संस्कृति के बारे में पता चलता है और बहुत कुछ सीखने को भी मिलता है। रामलीला के माध्यम से हम अपने इतिहास और धार्मिक प्रवृति की भी जानकारी हासिल करते हैं। यह बात चुहड़पुर कलां में चल रही रामलीला में दीप प्रज्जवलित कर शुभारंभ करते हुए भाजपा नेता अशोक चौधरी ने कही। महावीर ड्रामेटिक क्लब चुहडपुर कलां में रामलीला के मंचन का शुभारंभ विधानसभा अध्यक्ष कंवरपाल के भाई भाजपा नेता अशोक चौधरी बहादुर पुर के द्वारा किया गया। चुहड पुर कलां महावीर डारामेटिक क्लब में अशोक गुज्जर ने २१००० अनुदान दीया। रामेश्वर सैनी ने जानकारी देते हुए बताया कि पहली रात चुहडपुर कलां की रामलीला में नारद मोह का मंचन किया गया।
मंचन में दिखाया गया कि किस प्रकार नारदमुनि भगवान विष्णु को श्राप देते हैं। मंचन में दिखाया कि नारदमुनि तपस्या करते हैं और उन्हें अपनी तपस्या पर मोह करते हैं। विश्व मोहिनी नाम की सुंदरी के साथ विवाह करने के लिए वे अपने लिए भगवान विष्णु से उनका चेहरा मांगने जाते हैं और कहते हैं हे भगवन मुझे विश्व मोहिनी नाम की कन्या से शादी करनी है और इसके लिए मुझे आपके सुंदर चेहरे की आवशकता है। इस पर भगवान विष्णु समझ जाते हैं कि यदि नारदमुनि को अपना चेहरा दे दिया तो ये सांसारिक मोहमाया में उलझ जाएगा और उनको बंदर का चेहरा दे दिया। जब नारद मुनि विवाह रचाने हुेतू शील राजा के दरबार में पहुंचे तो वहां पर सबने उनका मजाक उडाया और सबके सामने हंसी का पात्र बने नारदमुनि शर्मसार हो गए और जिससे नारदमुनि विवाह रचाने आए थे उनसे स्वयं भगवान विष्णु ने विवाह रचा लिया। इस पर क्रोधित होकर नारदमुनि ने भगवान विष्णु को श्राप दिया कि जिस प्रकार एक स्त्री के लिए आपने मुझे हंसी का पात्र बनाया उसी प्रकार आप अगले जन्म में स्त्री के लिए दर-दर और जंगलों में भटकते फिरेंगे। इस प्रकार से रामायण की शुरूआत हई और भगवान विष्णु ने अपने अगले जन्म राम का अवतार लिया और रामायण की शुरूआत हुई। इस मौके पर ब्लाँक समिति चेयरमैन प्रतिनिधि विरेनद्र चौधरी गुलाबगढ़, बलिन्द्र गुज्जर, अनुज कुमार दड़वा, पंकज चौधरी सरपंच बेगमपुर ,सलिन्द्र, गीता राम कश्यप, देवेश्वर मित्तल, हुकम चन्द, केहर सिंह सरपंच चुहड़पुर कलां, पूर्व सरपंच नरेस चौधरी गुलाबगढ़,पूर्व सरपंच सतीस चुहड़ पुर कलां , हुकम सिंह ,मुकेश मित्तल,यातिंद्र गुज्जर, विजय चौधरी आदि मौजूद रहे।
मंचन में दिखाया गया कि किस प्रकार नारदमुनि भगवान विष्णु को श्राप देते हैं। मंचन में दिखाया कि नारदमुनि तपस्या करते हैं और उन्हें अपनी तपस्या पर मोह करते हैं। विश्व मोहिनी नाम की सुंदरी के साथ विवाह करने के लिए वे अपने लिए भगवान विष्णु से उनका चेहरा मांगने जाते हैं और कहते हैं हे भगवन मुझे विश्व मोहिनी नाम की कन्या से शादी करनी है और इसके लिए मुझे आपके सुंदर चेहरे की आवशकता है। इस पर भगवान विष्णु समझ जाते हैं कि यदि नारदमुनि को अपना चेहरा दे दिया तो ये सांसारिक मोहमाया में उलझ जाएगा और उनको बंदर का चेहरा दे दिया। जब नारद मुनि विवाह रचाने हुेतू शील राजा के दरबार में पहुंचे तो वहां पर सबने उनका मजाक उडाया और सबके सामने हंसी का पात्र बने नारदमुनि शर्मसार हो गए और जिससे नारदमुनि विवाह रचाने आए थे उनसे स्वयं भगवान विष्णु ने विवाह रचा लिया। इस पर क्रोधित होकर नारदमुनि ने भगवान विष्णु को श्राप दिया कि जिस प्रकार एक स्त्री के लिए आपने मुझे हंसी का पात्र बनाया उसी प्रकार आप अगले जन्म में स्त्री के लिए दर-दर और जंगलों में भटकते फिरेंगे। इस प्रकार से रामायण की शुरूआत हई और भगवान विष्णु ने अपने अगले जन्म राम का अवतार लिया और रामायण की शुरूआत हुई। इस मौके पर ब्लाँक समिति चेयरमैन प्रतिनिधि विरेनद्र चौधरी गुलाबगढ़, बलिन्द्र गुज्जर, अनुज कुमार दड़वा, पंकज चौधरी सरपंच बेगमपुर ,सलिन्द्र, गीता राम कश्यप, देवेश्वर मित्तल, हुकम चन्द, केहर सिंह सरपंच चुहड़पुर कलां, पूर्व सरपंच नरेस चौधरी गुलाबगढ़,पूर्व सरपंच सतीस चुहड़ पुर कलां , हुकम सिंह ,मुकेश मित्तल,यातिंद्र गुज्जर, विजय चौधरी आदि मौजूद रहे।
रिपोर्ट : गुरजीत सिंह