डीएवी गर्ल्‍स कॉलेज की छात्राओं ने कायम की मिसाल

*२०० छात्राओं ने अंगदान के लिए करवाया रजिस्ट्रेशन
*बायोसाइंसिज़ विभाग ने छात्राओं को अंगदान के लिए किया जागरूक
यमुनानगर। अंगदान कर बेवहज मौत का ग्रास बन रहे लोगों को जीवनदान प्रदान किया जा सकता है। इस समय देश में समय पर अंग न मिलने की वजह से हर साल करीब चार लाख लोगों की मृत्य हो रही है। जिसमें डेढ़ लाख लोग गुर्दे, एक लाख लोग फेफड़े, ५० हजार लोग ह्रदय तथा ५० हजार लोगों को लीवर की बीमारी से मर रहे हैं। यह बात डीएवी गल्र्स कॉलेज के बायोसाइंसिज विभाग द्वारा अंगदान जागरूकता कार्यक्रम के दौरान कॉलेज की कार्यवाहक प्रिंसिपल डा. विभा गुप्ता ने छात्राओं को संबोधित करते हुए कही। बायोसाइंसिज विभागाध्यक्षा डा. सुनीता कौशिक व एसोसिएट प्रोफेसर डा. नीना बजाज ने संयुक्त रूप से कार्यक्रम की अध्यक्षता की। छात्राओं को डॉक्यूमेंट्री व पोस्टर मेकिंग के जरिए अंगदान के लिए पे्ररित किया। कार्यक्रम को फिजिक्स विभाग की पूर्व एचओडी स्वर्गीय मंजू खन्ना को समर्पित किया गया। जिन्होंने मरणोपरांत अपने पूरे शरीर को दान कर दिया था।
बायोसाइंस विभागाध्यक्षा डा. सुनीता कौशिक ने कहा कि एक व्यक्ति अंगदान के जरिए आठ लोगों को नया जीवन प्रदान कर सकता है। जिसमें ह्रदय, आंखें, फेफड़े, गुर्दे, त्वचा, बॉनमेरो, पेनक्रियाज (अग्न्याशय), उत्तक व कोशिकाएं शामिल है। अंगदान को लेकर समाज में अनेक भ्रांतियां फैली हुई है। लोगों में अंधविश्वास है कि अगर वे अंगदान करते हैं, तो अगले जन्म में वे अंगहीन पैदा होंगे। जबकि उन्हें यह नहीं पता कि वे मृत्यु के बाद अंगदान के जरिए लोगों के अंदर जीवित रह सकते हैं। प्रदेश में अंगदान के लिए सरकारी व गैर सरकारी संस्था कार्यरत्त है। जहां पर अंगदान लिए इच्छित व्यक्ति स्वयं को नामांकित करवा सकते हैं।
डा. नीना बजाज ने कहा कि अंगदान के जरिए मरने के बाद भी दुनिया में अस्तित्व को रखा जा सकता है। अगर हम अंगदान के लिए आगे आएंगे, तभी जरूरतमंदों को नया जीवन प्रदान किया जा सकता हे। कॉलेज के हॉल में छात्राओं को लघु फिल्म दिखाकर अंगदान के प्रति फैली भ्रांति को दूर किया। साथ ही उन्हें अंगदान के लिए प्रेरित किया।
मोटिवेट हो २०० छात्राओं ने अंगदान के लिए करवाया रजिस्ट्रेशन:
डा. कौशिक ने बताया कि कॉलेज में अंगदान जागरूकता के लिए चलाए गए अभियान से प्रेरित होकर २०० छात्राओं ने धीरूभाई अंबानी फाउंडेशन की वेबसाइट पर अंगदान के लिए रजिस्ट्रेशन किया। जिसके बाद विद्यार्थियों को रजिस्ट्रेशन कार्ड जारी किया जाएगा। दुर्घटना के बाद उसके परिजन कार्ड दिखाकर किसी जरूरतमंद व्यक्ति को अंग दान कर सकते हैं। उन्होंने बताया कि अंबानी की फाउंडेशन पिछले कई सालों से अंगदान के क्षेत्र में कार्यरत है।
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