जागरूकता बन सकती है बच्चों के लिए सबसे मजबूत सुरक्षा तंत्र….

जिला बाल संरक्षण यूनिट यमुनानगर ने लगाया पोक्सो एक्ट पर जागरुकता शिविर 
यमुनानगर। जिला बाल संरक्षण इकाई ने राजकीय माध्यमिक विद्यलय राजपुर सढौरा यमुनानगर में लैंगिक अपराधों पर बने कानून पोक्सो एक्ट पर जागरुक शिविर लगाया गया Iजागरूकता शिविर के दोरान जिला बाल संरक्षण अधिकारी डॉ ऋचा बुद्धिराजा ने बच्चों को विभिन विषयों पर जागरूक किया। शिविर के दौरान बताया गया कि समाज में लेंगिक अपराधों के प्रति जानकारी न होने कारण बच्चों के प्रति अपराध बढ रहे हैं I बच्चों का हर किसी पर विश्वास कर लेना कई बार उनके लिए हानिकारक बन जाता है I ऐसे में बच्चे लेंगिक अपराधों का शिकार हो जाते है । बच्चे अपराध होने पर किसी को बता नहीं पाते जिसके कारण मानसिक रोगों का भी शिकार हो जाते है, इसलिए बच्चों का संरक्षण बेहद अवशयक है। शिविर के दौरान बताया की सभी बच्चों को अच्छे और बुरे स्पर्श के बारे में जानकारी होनी चाहिए। बच्चों को अच्छे और बुरे स्पर्श के बारे में भी बताया गया बच्चों को बताया गया कि यदि आपके साथ कोई इस प्रकार की हरकत करता है तो तुरंत इसकी जानकारी दी जाये। साथ ही बच्चों को बताया गया कि यदि कोई बच्चा अपने आस पास में कोई अपराध होता हुए देखते हैं तो तुरंत उसकी सुचना अपने अध्यापकों के माध्यम से दें डॉ ऋचा ने बताया की बच्चों को किसी भी प्रकार के शारीरिक अथवा मानसिक दण्ड देने पर माता पिता, अभिभावक या अध्यापक इत्यादि को किशोर न्याय अधिनियम के अंतर्गत सजा का प्रावधान है। बच्चों के साथ लैंगिक अपराधों अक्सर समाज में लैंगिक अपराधों से बच्चों की सुरक्षा अधिनियम 2012 के प्रति
जागरुकता न होने के कारण होते है । बच्चे अनजाने में जल्दी से इन घटनाओं का शिकार हो जाते हैं। यौन
अपराधों में सजा के कठोर प्रावधान हैं। जिला बाल संरक्षण इकाई जागरूकता अभियान चला रही है जागरूकता
शिविरों का लक्ष्य है कि समाज में बच्चों के प्रति सोच गंभीर हो सके। मोके पर बच्चों को चाइल्ड हेल्प लाइन 1098 के बारे में भी बताया गया कि चाइल्ड हेल्प लाइन नम्बर किस प्रकार से बच्चो की किसी भी संकट की स्थिति में सहायता कर सकता है। उपस्थित स्कूली बच्चों को सावधान रहने के लिए कहा और किसी भी अन्जान व्यक्ति पर भरेासा नहीं करने को कहा। बच्चों को किसी भी तरह की समस्या आने पर जिला बाल संरक्षण यूनिट बाल कल्याण समिति और चाइल्ड हेल्प लाइन 1098 पर संपर्क करें। बच्चों को जागरूक करना जरूरी है। बच्चों को हमें गंभीरता से लेना होगा बच्चे संरक्षित होंगे तभी एक स्वच्छ समाज की कल्पना की जा सकती है।

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