यमुनानगर/रादौर। गांव शेखपुरा के पास से पश्चिमी यमुनानहर की पटरी टूटने के बाद अब गांव सांगीपुर के पास से दूसरी बार नहर की पटरी टूटने के कगार पर पहुुंच गई है। सोमवार की सुबह 5 बजे एक ग्रामीण ने गांव सांगीपुर के पास पश्चिमी यमुनानहर की खस्ता हालत पटरी पर लगाए गए मिटटी के कटटे नहर में खिसकते देख, मामले की सूचना ग्रामीणों को दी। जिसके बाद नहरी विभाग के जेई गुरजीतसिंह विभाग के क र्मचारियों के साथ मौके पर पहुंचे और खस्ता हाल पटरी पर मिटटी के कटटे लगवाकर पटरी की मुरम्मत की। ग्रामीणों की चौकसी से पटरी टूटने से बच गई। लेकिन खस्ता हाल पटरी को लेकर ग्रामीणों में नहरी विभाग के विरूद्ध भारी रोष देखा गया। ग्रामीणों का आरोप है कि नहरी विभाग की ओर से पश्चिमी यमुना नहर में क्षमता से अधिक पानी छोडकर नहर की पटरी को तोडने का काम किया जा रहा है।रविवार की रात को गांव शेखपुरा के पास से इसी कारण नहर की पटरी टूटी है। गांव सांगीपुर निवासी जागीरसिंह, दलबीरसिंह दल्ली, जसबीरसिंह धौलरा, प्रदीप धौलरा, अनिल पासी खुर्दबन डेरा, हीरासिंह ने बताया कि नहरी विभाग द्वारा कुछ समय पहले रादौर के पास नहर क ी पटरी पक्की करवाई गई थी। लेकिन गांव सांगीपुर, धौलरा, खुर्दबन, पोटली के पास की पटरी को अभी पक्का नहीं किया गया है। इसके बावजूद नहरी विभाग ने नहर में क्षमता से अधिक पानी छोडकर नहर की पटरी को तोडने का काम किया है। जिसके लिए विभाग जिम्मेवार है। 10 दिन पहले गांव सांगीपुर के पास पश्चिमी यमुना नहर की पटरी लीक होने पर नहर का पानी बाहर निकलना शुरू हो गया था। जिसके बाद विभाग के कर्मचारियों ने मिटटी के कटटे लगाकर पटरी की मुरम्मत की थी। लेकिन रविवार की रात को अचानक खस्ताहाल पटरी पर लगाए गए मिटटी के कटटे खिसक कर नहर में चले गए। जिस कारण पटरी की हालत खस्ता हो गई। उधर नहरी विभाग के जेई गुरजीतसिंह ने बताया कि खस्ता हाल पटरी पर मिटटी के कटटे लगा दिए गए है। विभाग के कर्मचारी रातदिन नहर की स्थिति पर नजर रखे हुए है। नहर का पानी दिल्ली व झर्झर में सप्लाई हो रहा है। नहर के बंद होने से पानी की सप्लाई रूक गई है। नहर की मुरम्मत जल्द से जल्द कर एक, दो दिन में पानी छोड दिया जाएगा।
वृद्ध जागीरसिंह ने दो बार पटरी टूटने से बचाई – गांव सांगीपुर निवासी जागीरसिंह (80) ने पश्चिमी यमुनानहर की पटरी दो बार टूटने से बचाई है। जागीरसिंह के खेत पश्चिमी यमुनानहर के पास पडते है। सोमवार की सुबह 5 बजे जागीरसिंह पटरी पर घुमने के लिए निकला था। इस दौरान उसने देखा कि नहर की पटरी पर लगाए गए कटटे अपनी जगह से खिसककर नहर में चले गए है। जिसके बाद उसने मामले की सूचना अपने बेटे कर्णङ्क्षसह को दी। कर्णङ्क्षसह ने मामले की सूचना प्रशासन के अधिकारियों को देकर स्थिति से अवगत करवाया। जिसके बाद नहरी विभाग के अधिकारी व कर्मचारी मौके पर पहुंचे और नहर की पटरी की मुरम्मत की। इससे लगभग 10 दिन पहले भी शाम के समय नहर की पटरी लीक हो गई थी। नहर के पानी का रिसाव होने लगा था। तभी जागीरसिंह ने मामले की सूचना ग्रामीणों क ो दी थी। जिस कारण नहर की पटरी टूटने से बच गई थी। इस प्रकार एक वृद्ध के द्वारा दो बार नहर की पटरी टूटने से बचाई गई।