न्यू हैप्पी पब्लिक स्कूल के बच्चों ने बनाई सुंदर राखियां   

यमुनानगर। न्यू हैप्पी पब्लिक स्कूल यमुनानगर में राखी बनाओ प्रतियोगिता का आयोजन किया गया।  इस प्रतियोगिता में विद्यार्थियों ने बढ़चढ़ कर भाग लिया व अपने कौशल का परिचय दिया। मोती, सितारे, रंगीन कागज, रंगीन पत्थर, गोटा व अन्य कई तरह के सजावटी पदार्थों का प्रयोेग कर बच्चों ने अत्यंत आकर्षक एवं सुंदर राखियाँ बनाकर सभी को आश्चर्य में डाल दिया। राखी बनाते समय बच्चों का उत्साह देखते ही बनता था उन्हें देखकर ही लग रहा था कि वे इस त्यौहार का कितनी उत्सुकता से इंतजार कर रहे है।
कक्षा नर्सरी की दिशिता, निमृत, युक्ति, पार्थ, सिमरत सिहं, वैभव, यावी, आराध्या, रीत, भानू, हर्षदीप सिंह, प्रभजोत कौर, कृति, नैतिक, खुशी, मानवी, नीरव, माध्व, इषिता, खुश्नीत, रेमन, पर्व, लक्ष्या, आरूही, नमन, शीवी, हर्ष की बनाई राखियों की साज सज्जा देखकर सभी आंनदित हो गए।
कक्षा के.जी की प्रभजोत कौर, कनिष्का, हरमनप्रीत, पर्वदीप, तन्वी, अशविका, भविका, यशिका, हिमानी, इंशिता, मयंक, दीपांशु, चाहत, काव्या, हिमांशु, गुरमन कौर, डिम्पी, अंवनतिका, सरगुण, पावनी, मनन नेहरा, माध्व, अशमीत, कशिश, ऐलिना, जीविका, भूिम, आदित्य, दिवांश, देवांगी की बनाई राखियों ने सभी को आश्चर्य चकित कर दिया।
कक्षा पहली की कैलीन, गुरप्रीत, कृष्णा, प्रशंसा, सोनम, श्रेया, भानुजा, देवांशी, गुरनूर, अदिति, नमिता, सेजल, यशिका, दमनप्रीत, यशस्वी, मुक्ता, ऐंजल, जसनूर, भूमिका व शुद्दि की बनाई राखियों ने सबकी वाहवाही लूटी। कक्षा दूसरी व तीसरी के रितिका, निकुज, लविशा, हरगुण, ऐजंल, वैदिक, तनू, मनमोहन, भावेश, क्षितिज, चिराग, एकमजोत व कृष्णा की बनाई राखी सभी के आकर्षण का केन्द्र रही। कक्षा चौथी व पाँचवी के हरजीत, योगिता, शिवम, वैभव, यथार्थ, शौर्य, गुरविंदर, साहिबा ने शानदार राखी बनाकर सभी का ध्यान अपनी ओर आकर्षित किया।
स्कूल प्रबंधक जी.एस.शर्मा ने त्योहारों की महत्ता से अवगत कराते हुए कहा कि त्योहार हमारे जीवन में नीरसता को समाप्त कर उत्साह एवं उमंग का संचार करते हैं। रक्षा बंधन का पर्व भाई-बहन के अटूट स्नेह का प्रतीक है, प्राचीन काल से ही इस त्योहार को भाई-बहन के पवित्रा बंध्न और एकजुटता का प्रतीक माना जाता है। यह पर्व आज एक र्ध्म का न होकर सभी र्ध्मों में बड़े उल्लास के साथ मनाया जाता है।
स्कूल प्रधनाचार्या डॉ. बिन्दु शर्मा ने बच्चों की कला की अत्यंत सराहना की व बताया कि इस तरह के आयोजन से विद्यार्थियों के अंदर छिपी प्रतिभा को दिखाने का अवसर तो प्राप्त होता ही है साथ ही उन्हें रिश्तों की अहमियत का भी पता चलता है और वे अपने र्ध्म एवमं संस्कृति को समझ सकते हैं। उन्हेंाने कहा कि इस तरह की भावना, स्नेह, व संस्कृति सिपर्फ भारतीय सभ्यता में ही देखने को मिलती है। उन्होंने सभी को रक्षा बंध्न की शुभकामनाएं देेते हुए उनकी प्रगति की कामना की।
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