यमुनानगर। डीएवी कॉलेज फॉर गल्र्स में शनिवार को स्टाफ सदस्यों तथा छात्राओं ने दो मिनट का मौन रखकर पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी बाजपेयी को श्रद्धांजलि अर्पित की। इससे पूर्व छात्राओं को संबोधित करते हुए कॉलेज की कार्यवाहक प्रिंसिपल डा. विभा गुप्ता ने कहा कि अत्यंत विनम्र इंसानियत के पुजारी, असफल होने पर दुगनी ताकत से उठने वाले साहसी, पड़ोसी धर्म को सर्वोच्च शिखर पर रखने वाले पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी जी आज हमारे बीच नहीं है।
न्यूयॉर्क टाइम ने भारत के गॉड फादर चले गए, कहकर अपनी भावभीनी श्रद्धांजलि दी। अत्यंत विनम्र, सह्रदय राजनेता, उच्च वक्ता, अपनी कविताओं के माध्यम से सच्चे यौद्धा का जयघोष करने वाले अटल जी ने अपने कार्यों से देश को गर्व महसूस करवाया तथा आखिरी सांस तक संघर्ष करते रहे। प्रभु से विनम्र बने रहने की कामना करने वाले अटल जी ने १५ अगस्त को व्योम में तिरंगे झंडे को फहराता देखकर शांति से आंखें मंूद ली। उनके निधन से एक युग का अंत हो गया। सभी ने दो मिनट का मौन धारण कर भारत माता के सच्चे सपूत को अपने श्रद्धा सुमन अर्पित किए। साथ ही प्रार्थना की कि एक दिन ऐसा आए पुन: मां भारती के आंचल में ही जन्म लें।
हिंदी विभागाध्यक्षा डा. विश्वप्रभा ने कहा कि अटल जी ताउम्र हम सभी के दिनों में जिंदा रहेंगे। वो मर कर अमर हो गए। उन्होंने अपनी कविताओं के माध्यम से जो संदेश दिया है, उसे युवा पीढ़ी ही नहीं, अपितु हर भारतीय सदियों तक याद रखेगा। अटल जी की कविता . . . मौत की उमर क्या है, दो पल भी नहीं, जिंदगी सिलसिला, आज कल की नहीं, मैं जी भर जिया, मैं मन से मरूं, लौटकर आऊं गा कूच से क्यों डरूं. . . प्रस्तुत की, तो सभाागार में सभी की आंखें नम हो गई।