यमुनानगर। हरियाणा स्कूल लेक्चरर्स एसोसिएशन (हसला) की यमुनानगर इकाई ने एससीईआरटी गुरुग्राम द्वारा प्रदेश के तमाम 21 सरकारी डाइट में जेबीटी बंद किए जाने की कड़े शब्दों में निंदा की है और इसे जन विरोधी फैसला करार दिया है। हसला प्रधान परमजीत सिंह संधू ने बताया कि सरकार का यह फैसला शिक्षा को निजीकरण की ओर ले जाता है जिसे कतई बर्दाश्त नहीं किया जा सकता। उन्होंने कहा कि राज्य शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद द्वारा जारी नोटिफिकेशन के मुताबिक केवल 4 बाइट और दो गैटी में सिर्फ 400 स्टूडेंटस ही प्रवेश ले सकेंगे। जबकि 351 स्वपोषित संस्थाओं में 19100 छात्रों का दाखिला हो सकेगा। हसला इस शिक्षा विरोधी कदम का पुरजोर विरोध करती है। सरकार के इस कदम से न केवल बच्चों का आर्थिक शोषण होगा और अभिभावकों को कई गुना ज्यादा फीस का भुगतान करना पड़ेगा बल्कि प्राइवेट संस्थानों की लूट-खसोट भी बढ़ेगी। महासचिव शशिकांत चौधरी ने बताया कि सरकार एक तरफ तो करोड़ों रुपए खर्च कर अनेक योजनाएं चलाकर शैक्षणिक गुणवत्ता में सुधार के दावे करती है किंतु दूसरी ओर निजी संस्थाओं को बढ़ावा देकर शैक्षणिक गुणवत्ता के स्तर को जमींदोज करने पर उतारू हैं। प्रेस सचिव मानिकटाहला नीरज ने जानकारी देते हुए बताया कि यमुनानगर हसला 29 अगस्त को उपमंडल स्तर पर एसडीएम के माध्यम से मुख्यमंत्री व शिक्षामंत्री को दी जाने वाली चिरलम्बित मांगों के ज्ञापन में सरकार की शिक्षा विरोधी नीतियों का पुरजोर विरोध करते हुए इस मुद्दे को भी शामिल करेगी।