यमुनानगर (रादौर)। रादौर में वीरवार की सुबह हुई भारी बारिश से शहर की सडकों व गलियां पानी से जलमग्न हो गई। भारी बारिश से तापमान में गिरावट आने पर लोगों ने राहत की सास ली। वहीं भारी बरसात व आंधी, तुफान से कस्तूरबा गांधी आश्रम के पास सडक पर सफेदे का पेड एक पेस्टीसाईड की दुकान पर जा गिरा। पेड गिरने से दुकान का शैड व लैंटर को भारी नुक्सान पहुंचा। वहीं पेड गिरने से बिजली निगम की तारें भी टूट गई। पेड गिरने से रादौर, जठलाना सडक मार्ग लगभग साढे तीन घंटे बंद रहा। बाद में वन विभाग व बिजली निगम के कर्मचारियों ने सडक के बीच पडे सफेदे के पेड को कटवाकर सडक से अलग किया। शहर में त्रिवेणी चौक से लेकर नहर के पुल तक सडक के दोनों ओर खडे सफे दे के पेड आए दिन सडक पर गिर रहे है। लेकिन वन विभाग द्वारा इन पेडों को न कटवाए जाने के विरोध में वीरवार को स्थानीय लोगों ने जमकर वन विभाग के विरूद्ध नारेबाजी करते हुए पेडों को कटवाने की मांग की। शहर निवासी पवन कुमार बबलू गर्ग ने बताया कि वह कस्तूरबा गांधी आश्रम के पास गर्ग फर्टिलाईजर्स एण्ड शीडस स्टोर के नाम से दुकान चलाता है।
वीरवार की सुबह शहर में जोरदार बारिश व तुफान आया था।लगभग 8 बजे तुफान के कारण उसकी दुकान के सामने विपरीत दिशा में खडा भारी भरकम सफेदे का पेड गिर गया। पेड गिरने से उसकी दुकान के आगे लगा लोहे का शैड व दुकान का लैंटर टूट गया है। सौभाग्य से जब पेड गिरा तो आसपास कोई नहीं था। अन्यथा कोई बडा हादसा हो सकता था। बबलू ने बताया कि पेड गिरने से उसे हजारों रूपए का नुक्सान हुआ है। जिसके लिए वह वन विभाग के विरूद्ध न्यायलय का दरवाजा खटखटाएंगा। स्थानीय निवासी संजीव गर्ग बबलू, विजय सांगवान धौलरा, विजय शर्मा, संजीव कुमार, मोहित सैनी, रवि कश्यप, हुसनलाल, प्रदीप कुमार, अश्वनी, मुुकेश, जगतार आदि ने बताया कि त्रिवेणी चौक से लेकर नहर के पुल तक वन विभाग क े सडक के दोनों ओर भारी भरकम सफेदे के पेड खडे हुए है। आए दिन आंधी,तुफान में सफेदे के पेड टॅूटकर सडक पर गिर रहे है। जिससे आम जनता की सुरक्षा को भारी खतरा बना हुआ है। सफेदे के पेड गिरने से बिजली निगम की आए दिन लाईने भी टूट रही है। जिससे बिजली निगम को भी भारी नुक्सान हो रहा है। वन विभाग के अधिकारी इन पेडों को कटवाकर स्थानीय लोगों को राहत पहुंचाए। उधर भारी बारिश से एसके रोड पर बस स्टैंड से लेकर बुबका चौक तक सडक पर भारी पानी जमा होने से राहगिरों को भारी परेशानी का सामना करना पडा।