यमुनानगर/छछरौली। मैदानी व पहाडी इलाकों में 72 घंटे से भी ज्यादा समय से हो रही लगातार बरसात की वजह से एक बार फिर क्षेत्र में बाढ की स्थिति पैदा हो गई है। क्षेत्र से होकर गुजरती पथराला व सोम नदी अपने रौद्र रूप में है ओर नदियों का पानी भी खतरे के निशान से उपर बह रहा है। दोनों नदियों का पानी गांवों व खेतों में पूरी तरह से फैल चुका है। नदियों के पानी की वजह से गांवों को जोडने वाले लिंक रोड पर भी पूरी तरह से पानी में डूब चुके है। ग्रामीणों का गांवों से बाहर आना जाना बिल्कुल ही बंद हो गया है ओर इन गांवों का जिला मुख्यालय से सम्पर्क बिल्कुल ही कट चुका है। आधा दर्जन से भी अधिक गांवों में स्थिति यह है कि ना ग्रामीण गांव से बाहर जा सकते है ओर ना ही कोई गांव में प्रवेश कर सकता है। सबसे ज्यादा समस्या मवेशियों के चारे को लेकर हो रही है मवेशी दो दिन से बिना चारे के भूके बैठे है। खेतों में मवेशियों के लिए उगाया गया चारा दो दिन से पूरी तरह से पानी में डूबा हुआ है।
गांवों को जोडने वाले लिंक रोड भी डूबे :
क्षेत्र के उर्जनी, सलेमपुर, हडौली, तिहानो व खानपुर गांवों के चारों तरफ बाड का पानी घूम रहा है। इन गांव को जोडने वाले लिंक रोड पूरी तरह से पानी में डूब गये है। ग्रामीणों का कहना है कि गांव के चारों तरफ पानी ही पानी देखकर गांवों में भय व डर का माहौल बना हुआ है। उन्होने कहा कि ना जाने कब बाढ का पानी गांव में घुस जाए ओर तबाही मचा दे। इसी बात का डर ग्रामीणों को दिन रात सता रहा है।
गांव के स्कूल में घुसा पानी :
क्षेत्र के गांव डमौली के सरकारी स्कूल में कई दिन से पानी घुसा हुआ है ओर प्रशासन कुछ इंतेजाम करता इससे पहले ही दोबारा फिर लगातार हुई बरसात से पानी ओर ज्यादा उचाई तक स्कूल के कमरों में पहुंच गया। इसके साथ ही साथ लगते गांव बरौली के भी चारों तरफ पानी ही पानी नजर आ रहा है। बरौली में तो कई घरों में बाढ का पानी घुस भी गया पर फिलहाल पानी ने बरौली में कोई बडा नुकसान नही किया है।
चारे बिना मवेशी है भूखे :
क्षेत्र के करीब एक दर्जन गांवों की फसले व चारा पानी में पूरी तरह से डूबने की वजह से लोगों के पालतू मवेशी बिना चारे के भूके मर रहें है। रायपुर निवासी रविश का कहना है कि बाढ के पानी की वजह से सबसे ज्यादा दिक्कत मवेशियों को झेलनी पड रही है। इंसान तो जैसे कैसे करके अपना पेट तो भर रहा है पर बेजूबान मवेशियों को भूके मरने का दर्द सहन नही हो पा रहा है। मवेशियों की हालात देख जब रहा नही जाता तो उनके लिए चारे का इंतेजाम करने खेतों की तरफ जाते है तो खेतों ओर चारे की जगह चारों तरफ पानी ही पानी नजर आता है ओर मन मारकर वापिस घर की तरफ कदम मूड जाते है।
Report: Kausik Khan