यमुनानगर (रादौर)। श्री नागेश्वर धाम पक्का घाट रादौर में शुक्रवार से सात दिवसीय श्रीमदभगवत कथा का शुभारंभ किया गया। कथा के पहले दिन सैकड़ों की संख्या में श्रद्धालु कथा सुनने कार्यक्रम में पहुंचे। इस अवसर पर जगद गुरू शंकराचार्य स्वामी महेशाश्रम ने कार्यक्रम में श्रीमदभागवत कथा का गुणगान किया। उन्होंने कहा कि धर्म जीवन में तभी सुख दे सकता है, जब धर्म करने वाले में असहाय एवं निर्बल के प्रति दया कि भावना को मनुष्य धन बल और प्रतिष्ठा प्राप्त करने के बाद से अभिमान के वशीभूत होकर दया का भाव त्याग देता है। शास्त्र के विरूद्ध कर्म करने लगता है। धुर्व जैसे धरमात्मा के कुल में जन्म लेने वाला राजा बन राजमर्यदा का त्याग कर प्रजा पर अत्याचार करने लगा संतों के समझाने के बाद भी नहीं मानने पर संतों ने उसे मृत्युदण्ड दिया। गज और ग्राह का कथा सुनाते हुए महाराज जी ने बताया गज नित्य भगवान का भजन करता था परंतु अधिक बलशाली होने के कारण जलचर जीव पर अत्याचार करता है। जल के राजा ग्राह के बार बार मना करने के बाद भी अभिमानी गज के अन्दर दया नहीं जागने के कारण निर्बल ग्राह के द्वारा प्रास्त हो गया। प्रत्येक मनुष्य को इस भागवत कथा से शिक्षा प्राप्त करते हुए अपने अन्दर के अभिमान को त्याग कर दया और धर्म के मार्ग पर चलते हुए भगवान के शरण में जाने का प्रयत्न करना चाहिए पापी मनुष्य भी दया पान बनकर यदी भगवान का सुमिरन करता है तो उसे भगवत कृपा होती है। इस अवसर पर ज्ञानप्रकाश शर्मा, बलबीर बंसल, सुशील शर्मा, श्रीराम बंसल, बालकिशन रोहिला, सुरेन्द्र शर्मा, जयनारायण शर्मा, सुरेश दास, श्यामसिंह आदि मौजूद थे।