यमुनानगर। स्वास्थ्य विभाग व जेल प्रशासन यमुनानगर के मिले जुले प्रयास से नशीली दवाओं के दुरुपयोग और अवैध तस्करी के खिलाफ अंतरराष्ट्रीय दिवस जिला जेल में मनाया गया। इस दौरान जागरूकता शिविर भी लगाया गया। शिाविर में बन्दियों को नशे से होने वाले दुषप्रभावों के बारे में समझाया गया। इस अवसर पर डॉ. विजय दहिया सिविल सर्जन ने पॉवर प्वाईट प्रेज़ेन्टेशन द्वारा सभी बन्दियों को बताया कि नशीली दवाओं में तंबाक, शराब, माद पदार्थ आदि शामिल होती हैं। स्थानीय भाषा में इन्हें ब्राउन शुगर, अफीम, भुक्की इत्यादि नामों से जाना जाता है। डॉ. दहिया ने बताया ज्यादातर नशे की लत बच्चों को परिवार के सदस्यों या उनके नजदीकी रिश्तेदारोंं को देखकर लगती है। यहॉं तक कि बच्चे माता-पिता की उपेक्षा के कारण भी नशे की तरफ अग्रसर होते हैं। कुछ बच्चे गलत संगत में पडकर साथियों के दबाव में या घर पर पिता द्वारा नशा करने तथा मादक पदार्थ घर पर ही आसानी से उपलब्ध होने की स्थिति में भी जल्द नशे की तरफ आकर्षित होते हैं। डॉ. दहिया ने बताया कि सरकार द्वारा हरियाणा कई जिलों में सिविल अस्पतालों में नशा मुक्ति अभियान चलाये जा रहे हैं, जिनमें यमुनानगर भी एक है। साथ ही साथ विभिन्न जिलों के रेड क्रास सोसाइटियां भी नशा मुक्ति अभियान रही हैं, जिनके द्वारा व्यक्ति चाहे तो नशे से मुक्ति पा सता है। इस अवसर पर डॉ. विक्रम भारती, मनोचिकित्सक ने बंदियों को समझाया कि नशा·केवल कुछ समय के लिये व्यक्ति को आन्नद की अनुभूति करता है परन्तु लंबे समय में यह ए लाईलाज बिमारी को आमन्त्रण देता है। नशा सबसे पहले व्यक्ति के मस्तिष्तक पर असर करता है तथा उसके उपरान्त शरीर के अन्य भागों पर प्रभाव पडता है। उन्होने बंदियो को समझाया कि नशे की लत के कारण वे अपने घर व समाज से कट जाते हैं व धीरे धीरे नशे के आदि होकर अपना सब कुछ खो बेठते है। उसके उपरान्त डॉ. भारती ने बंदियों से नशे के संदर्भ में बातचीत भी की तथा उनके सवालों का निवारण भी किया। इस अवसर पर सिविल अस्पताल से रीटा व उषा ने भी बंदियों को नशे से होने वाली बीमारियों के बारे में बताया। जागरूकता शिविर के अंत में रतन सिंह, जेल अधीक्षक, जिला जेल यमुनानगर ने मुख्य अतिथि डॉ. विजय दहिया व अन्य सभी उपस्थित अतिथियों का धन्यवाद किया।