इस शेयर में ₹10000 लगाने वाले ₹985 करोड़ के हो गए मालिक फिर भी एक्सपर्ट दे रहे स्टॉक से दूर रहने की सलाह
Multibagger Wipro: हजारपति से करोड़पति या यूं कहें अरबपति बनाने वाले दिग्गज आईटी कंपनी के शेयर पिछले एक साल में 45 फीसद से अधिक लुढ़क चुके हैं। इसके बावजूद विप्रो अपने निवेशकों को करीब-करीब अरबपति बना चुका है। खासकर उनको, जिन्होंने 43 साल पहले इसमें मात्र 10000 रुपये का निवेश किया था और अब तक इसमें टिके हैं।
हालांकि साल 2022 विप्रो के नए निवेशकों के लिए अच्छा नहीं रहा। इस आईटी स्टॉक ने एक साल में 45.22 फीसद का निगेटिव रिटर्न दिया है। इसका 52 हफ्ते का हाई 721.50 और लो 372.40 रुपये है। आज शुरुआती कारोबार में इस स्टॉक में कमजोरी दिख रही है। अपने 52 हफ्ते के लो के अब बेहद करीब 385.80 के स्तर पर है।
अगर इस स्टॉक के बारे में एनॉलिस्ट की राय के बारे में बात करें तो अधिकतर इससे दूर रहने की सलाह दे रहे हैं। कुल 40 एक्सपर्ट्स में से केवल नौ ने ही इस स्टॉक में अब भी निवेश की सलाह दे रहे हैं, जबकि 19 ने बेचने को कह रहे हैं। जिन लोगों के पोर्टफोलियो में अभी यह स्टॉक पड़ा है, उनके लिए 12 एक्सपर्ट होल्ड करने की सलाह दे रहे हैं।
धैर्य ने बनाया धनवान
अगर कोई निवेशक 43 साल पहले यानी 1980 में केवल 10000 रुपये विप्रो के शेयरों में लगाया होता और आज तक इस स्टॉक में बना है तो आज की डेट में वह अरबपति है। 1980 में विप्रो के शेयर की कीमत लगभग 100 रुपये थी, लेकिन अब 386 रुपये है। कंपनी शेयर Split करती गई और साथ में बोनस भी देती रही। इसका असर ये हुआ कि 1980 में जिसने 100 शेयर लिए थे, उसके पास बिना एक भी पैसा लगाए 25536000 शेयर होंगे।
समझें यह गणित
1980 में विप्रो के शेयरों में 10,000 रुपये लगाने वाले निवेशक को विप्रो कंपनी के 100 शेयर मिले। बोनस शेयर और Split के बाद 100 शेयर बढ़कर 25536000 शेयर हो गए। अब विप्रो के शेयर की कीमत 386 रुपये है। यानी अब उस 10000 रुपये की कीमत 386×25536000 = 9,856,896,000 हो गई है।
साल एक्टिविटी टोटल शेयर
1980 निवेश 100
1981 1:1 बोनस 200
1985 1:1 बोनस 400
1986 Share split to फेस वैल्यू Rs.10 4,000
1987 1:1 बोनस 8,000
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1989 1:1 बोनस 16,000
1992 1:1 बोनस 32,000
1995 1:1 बोनस 64,000
1997 2:1 बोनस 1,92,000
1999 Share split to FV Rs.2 9,60,000
2004 2:1 बोनस 28,80,000
2005 1:1 बोनस 57,60,000
नए साल में ये दो शेयर कर रहे पैसों की बारिश, 4 दिन में ही दिया छप्परफाड़ रिटर्न, निवेशक हुए मालामाल
2010 2:3 बोनस 96,00,000
2017 1:1 बोनस 1,92,00,000
2019 1:3 बोनस 25536000
स्रोत: economictimes , एनएसई, बीएसई, elearnmarkets.com, investinginsights.in
गांव को बनाया ‘करोड़पतियों का शहर’
विप्रो एक बड़ी आईटी कंपनी है। हालांकि, विप्रो साबुन और वनस्पति तेल के कारोबार में भी है। विप्रो की शुरुआत 1945 में महाराष्ट्र में स्थित ‘आलमनेर’ नामक गांव में हुई थी। इस गांव में आज हर कोई करोड़पति है। हर परिवार के पास विप्रो कंपनी के शेयर हैं। यहां विप्रो कंपनी के कुछ शेयर बच्चे के पैदा होते ही उसके लिए खरीद लिए जाते हैं। गांव को ‘करोड़पतियों का शहर’ भी कहा जाता है।