मुकेश अंबानी बच्चों को सौंपेंगे अलग-अलग कारोबार, उनके लिए तय किए लक्ष्य
मुकेश अंबानी ने अपने तीनों बच्चों के लिए लक्ष्य तय किए हैं जिन्हें वह दूरसंचार, खुदरा और नवीन ऊर्जा कारोबार की जिम्मेदारी देने वाले हैं। धीरूभाई अंबानी की जयंती पर मनाए जाने वाले रिलायंस फैमेली डे के अवसर पर मुकेश अंबानी ने कहा कि तेल से लेकर दूरसंचार और खुदरा तक का कारोबार करने वाली रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड आत्म परिवर्तन की विस्तृत यात्रा पर चल पड़ी है।
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बुधवार शाम को अपने संबोधन में अंबानी ने कहा, ”वर्ष 2022 के अंत में रिलायंस अपने स्वर्णिम दशक की आधी दूरी तय कर चुकी होगी। अब से पांच साल बाद, रिलायंस की स्थापना को 50 वर्ष पूरे हो जाएंगे।” उनका संबोधन मीडिया के लिए बृहस्पतिवार को जारी किया गया।
इसमें उन्होंने कहा, ”हमारे सभी व्यवसायों और पहलों के नेताओं और कर्मचारियों से मेरी जो उम्मीदें हैं, उनका मैं यहां जिक्र कर रहा हूं।” मुकेश अंबानी के बड़े बेटे आकाश टेलीकॉम व्यवसाय की कमान संभालेंगे, बेटी ईशा रिटेल कारोबार संभाल रही हैं। छोटे बेटे अनंत नवीन ऊर्जा कारोबार की जिम्मेदारी संभालेंगे।
आकाश की अध्यक्षता में जियो भरेगा उड़ान
अंबानी ने कहा, ”आकाश की अध्यक्षता में जियो भारतभर में दुनिया का सर्वश्रेष्ठ 5जी नेटवर्क शुरू कर रहा है और जिस रफ्तार से इस सेवा की शुरुआत की जा रही है वह दुनियाभर में सबसे तेज है।” उन्होंने यह भी बताया कि जियो 5जी की सेवा 2023 में पूरी तरह से शुरू हो जाएगी। उद्योगपति ने कहा कि ईशा के नेतृत्व में खुदरा व्यवसाय बहुत तेजी से बढ़ा है। उन्होंने कहा, ”हमारा खुदरा व्यवसाय, सभी श्रेणी के उत्पादों में, भारत में बहुत ही व्यापक और गहरी पहुंच वाले कारोबार में रूप में उभरा है।”
रिलायंस का सबसे नया स्टार्टअप
नवीन ऊर्जा व्यवसाय के बारे में अंबानी ने कहा, ”रिलायंस का सबसे नया स्टार्टअप कारोबार है नवीन ऊर्जा जिसमें न केवल कंपनी या देश बल्कि पूरी दुनिया को बदलने की ताकत है।” उन्होंने कहा, ”अनंत इस आगामी एवं अगली पीढ़ी के व्यवसाय से जुड़ रहे हैं और इसके साथ ही हमने जामनगर में अपने गीगा कारखानों को तैयार करने की प्रक्रिया तेज कर दी है।” उन्होंने कहा कि भारत का सबसे बड़ा और मूल्यवान कॉरपोरेट समूह रिलायंस भारत का सबसे ‘हरित’ कॉरपोरेट समूह भी बनने जा रहा है।
मुकेश अंबानी ने कहा, ”हमारी नवीन ऊर्जा टीम के लक्ष्य बिलकुल स्पष्ट हैं। भारत की निर्भरता आयात पर कम करके ऊर्जा के क्षेत्र में आत्मनिर्भरता और सुरक्षा हासिल करना है। याद रहे, ऐसा आप मुस्तैद और प्रौद्योगिकी क्षेत्र में आगे रहते हुए ही कर सकते हैं।”