किसान फसलों में पेस्टिसाइड का ज्यादा प्रयोग ना कर ऑर्गेनिक खेती अपनाने का प्रयास करें : डा. सुषमा आर्य (रजिस्ट्रार, डीएवी विश्वविद्यालय जालंधर)
यमुनानगर (खिजराबाद)। आज जो भी अनाज हम लोग खा रहे हैं वह पूरी तरह से पेस्टिसाइड युक्त है। हम सबको जैविक खेती यानी ऑर्गेनिक फार्मिंग पर जोर देना होगा। इसी सोच को लेकर “सर्वत्र कल्याण संगठन” यमुनानगर द्वारा “काशवी फाउंडेशन, न्यू देलही” संग “जैविक खेती के लाभ” कार्यक्रम का फील्ड हॉस्टल भूडकलां में आयोजन करवाया गया।
कार्यक्रम में पहुंचे पंच, सरपंच और मौजिज लोगों को संबोधित करते हुए मुख्य अतिथि अनिल दुआ, मुख्य अभियंता डीसीआरटी पीपी यमुनानगर ने कहा कि आज हम सब फसलों कि 1 साल में 2 से 3 पैदावार लेने की होड़ में लगे हुए हैं। पैदावार अधिक और जल्दी लेने के चक्कर में हम लोग पेस्टिसाइड और खादों का अंधाधुंध प्रयोग कर रहे हैं। हम फसल की पैदावार अधिक पाने के चक्कर में अपने स्वास्थ्य के साथ खिलवाड़ करने का काम कर रहे हैं। हम लोगों को सोचना चाहिए कि अब धीरे-धीरे जैविक खेती की तरफ बढ़े। ऑर्गेनिक फार्मिंग को अपनाएं और स्वस्थ शरीर पाएं।विशिष्ट अतिथि डा. सुषमा आर्य (रजिस्ट्रार) डीएवी विश्वविद्यालय जालंधर ने कहा कि इस तरह के कार्यक्रमों का आयोजन होते रहना चाहिए। पंच, सरपंच व किसानों को जैविक खेती के प्रति ज्यादा से जानकारी देनी चाहिए। जैविक खेती को बढ़ावा देने के लिए सरकार को भी चाहिए कि वह ज्यादा से ज्यादा अनुदान दे ताकि किसानों का झुकाव जैविक खेती की तरफ बढ़े। उन्होंने आह्वान किया कि किसान भाई अब अपनी फसलों में पेस्टिसाइड का ज्यादा प्रयोग ना करें। प्रयास करें कि ऑर्गेनिक खेती अपनाएं। विश्वस्य अमृतसय भोजनम अर्थात् सारे विश्व के लिए अमृत जैसा भोजन कैसे प्रदान किया जा सकता है। इसके लिए सभी ने अपने अपने विचार व्यक्त किए।
मौके पर मुख्य रूप से विशेषज्ञ संजीव सेठ, महासचिव, “काशवी फाउंडेशन” (मार्गदर्शक नेशनल सेंटर ऑफ़ आर्गेनिक फार्मिंग गाजियाबाद मिनिस्ट्री ऑफ़ एग्रीकल्चर एंड फार्मर वेलफेयर, भारत सरकार),न्यू देहली, हाइडल भूडकलां के एसई प्रदीप वर्मा, सर्वत्र कल्याण संगठन यमुनानगर के प्रधान राजेश गोयल,सचिव अजय शर्मा, महासचिव, संजीव सेठ सुमित पंच सरपंच किसान वह अधिकारी उपस्थित रहे।