यमुनानगर (रादौर) । हरियाणा एंटी क्रप्शन सोसायटी की ओर से रविवार को गांव गुमथला के इंकलाब मंदिर में शहीद राजेन्द्रनाथ लाहिड़ी का जन्मदिवस मनाया गया। इस अवसर पर सोसायटी के प्रदेशाध्यक्ष एडवोकेट वरयामसिंह के नेतृत्व में ग्रामीणों ने शहीद राजेन्द्रनाथ लाहिडी के चित्र पर फुलामलाएं अर्पित कर अपनी श्रंद्धाजलि भेंट की। एडवोकेट वरयामसिंह ने कहा कि राजेन्द्रनाथ लाहिडी एक महान क्रांतिकारी थे। जिन्होंने भारतमाता की आजादी के लिए फांसी के फंदे को गले लगाया था। फंासी के दिन भी सुबह सुबह लाहिडी ने व्यायाम किया था। जिस पर जेलर ने उससे पूछा कि मरने से पहले व्यायाम करने का क्या लाभ है। तब क्रांतिकारी लाहिडी ने कहा था कि मेैं भारत देश का देशभक्त हूं और पुर्नजन्म में उसकी अटूट आस्था है। अत: अगले जन्म में मैं स्वस्थ शरीर के साथ ही पैदा होना चाहता हूं ताकि अधूरे कार्यों को पुरा कर देश को स्वतंत्र करा संकू। इसलिए मैं रोज सुबह व्यायाम करता हूं। आज मेरे जीवन का सर्वाधिक गौरवशाली दिवस है तो यह क्रम मैं कैसे तोड सकता हंू। उन्होंने क हा था कि मैं मरने नहीं जा रहा हूं। अपितु भारत को स्वतंत्र कराने के लिए पुर्नजन्म लेने जा रहा हूं। इसके अतिरिक्त इन समस्त घटनाओं का उल्लेखन भी गौंडा जिला कारागार के फांसीगृह में है। अपिल और दलील के बाद भी चार क्रांतिकारियों रामप्रसाद बिस्मिल, अस्फाक उल्लाखां, ठाकुर रोशनसिंह और राजेन्द्र नाथ को अंग्रेजों ने फांसी की सजा दी। इस अवसर पर एडवोकेट सर्वजीतसिंह, एडवोकेट मुकेश कुमार, धीरपाल फतेहगढ, धर्मेन्द्र बर्फानी, सुदेश बसंल, गुरनूरसिंह, सरपंच कृष्ण कुमार, हर्ष मेहता, आदि मौजूद थे।