बाल समागम की शुरूआत पावन अवतार वाणी के शब्द गायन से हुई। समागम में अश्मिता एण्ड पार्टी और दृष्टि एण्ड पार्टी यमुनानगर ने ग्रुप सॉग, मण्डौली से साहिल एण्ड पार्टी ने कव्वाली, बिलासपुर से सिमरन एण्ड गु्रप ने पावन हरदेव वाणी का शब्द गायन प्रस्तुत कर आर्शिवाद लिया। समागम में एक प्रश्नोतरी प्रतियोगिता भी कराई गई जिसमें बच्चों ने उत्साह पूर्वक हिस्सा लिया। इस प्रतियोगिता में बहन कुसुम जी ने दोनो टीमों से मिशन से सम्बंिधत प्रश्न पूछे व बच्चों ने लगभग सभी प्रश्नों के सही उत्तर दिए। इस प्रतियोगिता के निर्णायक के रूप में एन डी वर्मा व महेश साहनी उपस्थित थे। समागम में बच्चों ने युग प्रवर्तक बाबा गुरबचन सिंह महाराज जी द्वारा लिए गए निर्णय सादा विवाह को अपनाने का संदेश नाटक के माध्यम से दिया। इस मौके पर एक लघु कवि दरबार का भी आयोजन किया गया जिसमें नन्हे-मुन्हे बच्चों ने प्यारी-प्यारी कविताएं अपने अंदाज में प्रस्तुत कर साध संगत को वाह-वाह करने पर मजबूर कर दिया। इसके अलावा भी बच्चों ने एक से बढ़कर एक कार्यक्रम प्रस्तुत कर मिशन का सत्य संदेश बहुत ही सुंदर ढंग से दिया। इस समागम की तैयारियों में बहन प्रीति, मुस्कान, पूनम,कुसुम व राखी का विशेष योगदान रहा।
निरंकारी बाल समागम में बच्चों ने बिखेरे प्रतिभा के रंग
आज के बच्चे कल का उज्जवल भविष्य: टेक चंद जी
यमुनानगर। संत निरंकारी सत्संग भवन में रविवार को गर्मियो की छट्टियों के उपलक्ष में विशेष बाल समागम का आयोजन किया गया। इसमें जिले भर से लगभग 150 बच्चों ने भजन, गीत, कविता, नाटक व अनेक सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत कर मिशन का सत्य संदेश दिया। समागम की अध्यक्षता जोनल इंचार्ज टेक चंद जी ने की व मंच संचालन बहन कनिका व तरूणा ने संयुक्त रूप से किया।
समागम की अध्यक्षता करते हुए टेक चंद जी ने कहा कि आज के बच्चे हमारे समाज के कल का उज्जवल भविष्य है। उन्होंने कहा कि बच्चे कच्ची मिट्टी की तरह होते है उन्हें जिस माहौल में ढाला जाता है वैसे ही बन जाते है। बच्चों को बचपन में जो सिखाया जाता है वह उन्हे हमेशा याद रहता है। उन्होंने कहा कि निरंकारी मिशन के ये छोटे-छोटे बच्चे जो कुछ भी संत्संग में सिख रहे है यह उनके व्यवहार में बस जाएगा। बच्चों ने जो कुछ सत्संग में सिखा उसे आज अपने अंदाज में प्रस्तुत किया। ये बच्चे ही बड़े होकर मिशन के प्रचारक बन मिशन को आगे बढ़ाएगे। उन्होंने कहा कि जहां ये बच्चे सत्संग में बढ़-चढ़ कर हिस्सा लेते है वहीं पढ़ाई में भी अव्वल रहते है। पढाई में अव्वल रहने वाले बच्चों को मिशन के द्वारा हर वर्ष छात्रवृति भी दी जाती है। उन्होंने आग बताया कि मिशन द्वारा पूरे भारत में लगभग 2500 स्थानों पर बाल संगते होती है व समय-समय पर बाल समागम भी आयोजित होते रहते है ताकि बच्चे सदगुरू के दिखाए मार्ग पर चलकर सच्चे गुरसिख वाला जीवन जी पाए। उन्होंने माता-पिता से अपने बच्चों को सत्संग से जोड़ने की अपील की।