यमुनानगर हलचल। बेसहारा लोगों को अब सर्दियों में रात खुले आसमान के नीचे नहीं गुजारनी पड़ेगी। ट्विनसिटी में बने रैन बसेरों को कोविड-19 नियमों के तहत एक दिसंबर से लोगों के रहने के लिए खोला जा रहा है। बशर्तें यहां ठहरने वालों की संख्या सोशल डिस्टेंसिंग के चलते पहले से आधी रखी जाएगी। साथ ही रैन बसेरों को रोजाना सैनिटाइज किया जाएगा और बैड सीट बदली जाएगी।
उपरोक्त निर्देश सोमवार को नगर निगम कार्यालय में हुई शेल्टर मैनेजमेंट कमेटी की बैठक में कमेटी चेयरमैन एवं नगर निगम आयुक्त धर्मवीर सिंह (आईएएस) ने दिए। उन्होंने बैठक की अध्यक्षता करते हुए कमेटी के सभी सदस्यों को कोविड-19 नियमों की अनुपालना करते हुए रैन बसेरों की सफाई, बिस्तर, लाइट, सैनिटाइजर व अन्य सुविधाओं का प्रबंध करने के निर्देश दिए। बैठक में कमेटी के मेंबर सेक्रेटरी एवं सीपीओ विपिन गुप्ता, डिप्टी सिविल सर्जन डा. पुनीत कुमार, रेड क्रॉस सचिव डॉ. सुनील कुमार, डीएसडब्ल्यूओ सुरजीत कौर, राकेश कमल, शशि कुमार आदि मौजूद रहे।
बतां दे कि टिवनसिटी में संत निरंकारी भवन के सामने स्थित शुलभ शौचालय के ऊपर, यमुनानगर बस स्टैंड के पास, बस स्टैंड जगाधरी स्थित शुलभ शौचालय के ऊपर, रेलवे रोड पर टांगा स्टैंड के पास, कांशीराम मक्खन लाल धर्मशाला, निकट रेलवे स्टेशन यमुना गली में रैन बसेरे चलाए जा रहे हैं। इनमें बिस्तर, दरी, कंबल व चटाई व सैनीटाइजर की व्यवस्था की जिम्मेवारी रेड क्रॉस की है। वहीं, सफाई व लाइट की व्यवस्था की जिम्मेवारी नगर निगम की है।
इसके अलावा बीमार लोगों को उपचार देने व जांच करने की जिम्मेवारी स्वास्थ्य विभाग की है। रैन बसेरों को खोलने को लेकर हुई बैठक में नगर निगम आयुक्त धर्मवीर सिंह (आईएएस) ने कहा कि सभी रैन बसेरों में पर्याप्त मात्रा में साफ सुथरे गर्म बिस्तर, बैड शीट, सैनीटाइजर, लाइट, सफाई आदि व्यवस्थाएं 30 नवंबर तक पूरी करना सुनिश्चित करें। इसको लेकर रेड क्रॉस, नगर निगम, स्वास्थ्य विभाग व अन्य विभाग अपनी अपनी जिम्मेवारी निभाएं।
उन्होंने कहा कि कोरोना वायरस संक्रमण को ध्यान में रखते हुए सभी रैन बसेरों में सोशल डिस्टेंस में बिस्तर लगाए जाए। रोजाना रैन बसेरों को सैनिटाइज किया जाए। रोजाना बैड सीट बदली जाए। रैन बसेरों में एंट्री से बेसहारा व्यक्ति की थर्मल स्क्रीनिंग और सैनिटाइजर से हाथ साफ करवाएं जाए। इसके अलावा कोरोना वायरस संक्रमण के चलते बनाए गए सभी नियमों का पालन करवाया जाए। 30 नवंबर तक रैन बसेरों में ठहरने के सभी इंतजाम पूरे किए जाए, ताकि इन रैन बसेरों में ठहरने वाले लोगों को कड़ाके की ठंड से बचाया जा सके।