Bilaspur : इस बार नहीं लगेगा मेला श्री कपाल मोचन, डीसी ने दी जानकारी

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उपायुक्त मुकुल कुमार पीडब्ल्यूडी रैस्ट हाउस बिलासपुर में धर्मगुरूओं एवं अनुयायियों तथा प्रशासन के अधिकारियों से कपालमोचन मेले संबंधी मंत्रणा करते हुए।
#यमुनानगर_हलचल। महर्षि वेद व्यास की कर्मस्थली बिलासपुर में प्रत्येक वर्ष कार्तिक पूर्णिमा के अवसर पर आयोजित होने वाले कपाल मोचन मेले को कोविड 19 की विश्वव्यापी की महामारी के चलते इस वर्ष यह मेला आयोजित नहीं होगा व स्थगित रहेगा।
यह जानकारी उपायुक्त मुकुल कुमार ने पीडब्ल्यूडी रैस्ट हाउस बिलासपुर में सभी धर्मगुरुओं एवं अनुयायियों तथा प्रशासन के अधिकारियों की बैठक में मंत्रणा करने के उपरान्त दी। बैठक में सर्वसम्मति से निर्णय लिया गया कि इस वर्ष कोरोना महामारी के चलते कपाल मोचन में मेले का आयोजन न हो तथा इस पर पूर्ण रूप से प्रतिबद्ध हो। बैठक में एसजीपीसी के पूर्व प्रधान बलदेव सिंह कायमपुरी, जाट धर्मशाला के प्रधान जागीर सिंह ने कहा कि कपाल मोचन के साथ लोगों की आस्था जुड़ी हुई है। यहां पर पंजाब, हरियाणा, दिल्ली, हिमाचल व अन्य राज्यों से सभी धर्मों के लोग स्नान के लिए आते हैं। यदि इस वर्ष मेले पर जनमानस की सुरक्षा को देखते हुए रोक नहीं लगाई गई तो बीमारी बढ़ सकती है, जिसके गम्भीर परिणााम हो सकते हैं। श्राईन बोर्ड सदस्य सुभाष गौड, ब्राह्मण धर्मशाला के प्रधान सुभाष मोदगिल ने मानवता के हित को देखते हुए इस वर्ष मेला आयोजित नहीं करने का जिला उपायुक्त से आग्रह किया।
गुरू रविदास मंदिर के मैनेजर अमर नाथ, बाबा लाल गिरी, साधु समाज के प्रधान शोभा राम ने कहा कि कपाल मोचन मेले करीब आठ लाख श्रद्धालु स्नान के लिए आते हैं। सरोवरों में पानी खड़ा होने के कारण संक्रमण का खतरा बढ़ जाएगा, जिससे कोरोना बीमारी ज्यादा फैल सकती है। शोभादास ने कहा कि उन्होंने साधु समाज के साथ बैठक कर निर्णय लिया है कि इस वर्ष मेले का आयोजन पूर्ण रूप से बंद होना चाहिए। बैठक में उपस्थित सभी से सुझाव लिए गए। कोरोना महामारी के दृष्टिगत सभी से सुझाव लेने के बाद इस वर्ष पूर्णिमा पर कपाल मोचन में मेले पर पूर्ण रूप से प्रतिबंध लगाने का निर्णय लिया गया। इस अवधि के दौरान सरोवरों की सफाई की जाएगी तथा उनमें मुरम्मत का कार्य किया जाएगा। मेले में चारों ओर से आने वाले रास्तों पर उपयुक्त समय पर पुलिस नाके लगाए जाएंगे ताकि लोग कपाल मोचन में न आएं। कपाल मोचन गुरूद्वारा साहिब में बने सरोवर का पानी भी निकालने का निर्णय लिया गया। उन्होंने सभी मंदिर, धर्मशाला व डेरा संचालकों को उनके धार्मिक स्थलों पर केवल हवन यज्ञ करने की अनुमति दी। कोई भी धर्मिक स्थल भण्डारे का आयोजन नहीं करेगा और न ही अपने धार्मिक स्थल में किसी को ठहरने के लिए स्थान देगा। उन्होंने सभी से अपील की है कि जो भी लोग कपाल मोचन मेले में भण्डारे आदि लगाने के लिए आते हैं और आपके सम्पर्क में हैं, उन्हें पहले से ही सूचित कर दें कि वे वर्ष मेले में न आएं क्योंकि मेले का आयोजन नहीं होगा।
उपायुक्त मुकुल कुमार ने कहा कि मेले में पंजाब के जिन जिलों से अधिक लोग आते हैं वे उन जिलों के जिला उपायुक्तों से सम्पर्क कर वहां पर सूचना भेज देंगे कि इस वर्ष में न आएं। बैठक में एसडीएम भारत भूषण कौशिक, जिला ग्रामीण विकास ऐजैंसी के मुख्य कार्यकारी अधिकारी नवीन आहुजा, तहसीलदार तरूण सहोता, बीडीपीओ बलराम गुप्ता, थाना प्रभारी रवि खुडिया, पंकुश खुराना, अमर गिरी, बलदेव सिंह कायमपुर, जाट धर्मशाला प्रधान जागीर सिंह, रणधीर सिंह गुर्जर डॉ सुभाष मोदगिल, शोभाराम, मास्टर रवि भूषण, श्राईन बोर्ड सदस्य सुभाष गौड, विपिन सिंगला, मुकेश गर्ग, अमरनाथ, पंकज अग्रवाल सहित अन्य अधिकारी व कर्मचारी उपस्थित थे।
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