#यमुनानगर_हलचल। उपायुक्त मुकुल कुमार ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने रविवार को भारत सरकार की स्वामित्व योजना का डिजिटल शुभारम्भ किया और लाभार्थियों को शुभकामनाएं दी। देश के करीब एक लाख लोगों को आज के दिन जमीन की रजिस्ट्री मिली। इस योजना के अंतर्गत यमुनानगर जिला के 11 गांवों को लाल डोरा मुक्त घोषित हुए है और करीब 1276 लोगों को उनकी जमीन का मालिकाना हक मिलेगा। इन गांवों में कार्यक्रमों का आयोजन करके प्रशासनिक अधिकारियों ने प्रत्येक गांव में 10 से 20 व्यक्तियों को फिजिकली तौर पर डीड वितरित की तथा शेष लाभार्थियों को उनके मोबाईल नम्बर पर रजिस्ट्रड डीड का एसएमएस भेजा गया है। उन्होंने खुशी जाहिर करते हुए कहा कि हरियाणा के अन्य जिलों की तरह यमुनानगर जिला में 1276 डीड का रजिस्ट्रेशन हुआ है। उपायुक्त ने मुमताज अली को रजिस्ट्रड डीड के कागजात सौंपे।
उपायुक्त ने बताया कि माननीय प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी ने खण्ड छछरौली के गांव तुगलपुर के लाभार्थी मुमताज अली पुत्र सुलेमान के साथ लघु सचिवालय के विडियों क्रान्फ्रैंस रूम के माध्यम से स्वामित्व योजना के बारे में सीधा संवाद किया। मुमताज अली से प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने पूछा कि आप क्या करते है तो उन्होंने कहा कि मैं राज मिस्त्री का काम करता हँू। मुमताज अली ने प्रधानमंत्री को अवगत करवाया कि पहले जब लाल डोरे के अंदर गांव का कोई भी मकान बनाता था तो उस पर कोई न कोई झगडा करता था, परन्तु अब मुझे अपने मकान का मालिकाना हक मिलने से उस कागजात के माध्यम से उस जगह पर अपना मकान आसानी से बना सकता हँू और मुझे एचडीएफसी बैंक से उसकी प्रॉपर्टी कार्ड के अनुसार 3 लाख रूपये का लोन मिल रहा है। उन्होंने कहा कि मैं लोन लेकर सैटरिंग का कार्य करूंगा जिससे मेरी आमदनी में बढौत्तरी होगी। प्रधानमंत्री ने मुमताज अली को कहा कि आप अपने बच्चों की शिक्षा पर विशेष ध्यान दें, उनको राज मिस्त्री बनने के लिए प्रेरित न करें। उन्होंने मुमताज अली के परिवार को शुभकामनाएं दी और कहा कि इससे आपके परिवार की आमदनी में बढौत्तरी होगी।
उपायुक्त ने बताया कि स्वामित्व स्कीम के अंतर्गत हरियाणा सरकार प्रदेश के गांवों को लाल डोरा मुक्त बनाने के लिए प्राथमिकता के आधार पर कार्य कर रही है। सर्वे ऑफ इंडिया की टीम द्वारा गांवों में लाल डोरे की ड्रोन कैमरे से मैपिंग का कार्य किया किया जा रहा है। इन गांवों के लोगों की पहले प्रोपर्टी आईडी बनाई जाती है। उसके बाद दावे व आपत्ति स्वीकार करके सभी का निपटारा किया जाता है। फिर संबंधित गांव के लोगों को जमीन के मालिकाना हक की डीड वितरित की जाती है। उन्होंने बताया कि राजस्व विभाग द्वारा डिजीटलीकरण के तहत जमीन से जुड़े सभी दस्तावेज ऑनलाईन होने के साथ-साथ स्कैन करके रिकॉर्ड रूम में सुरक्षित रखा जाता है। इस मौके पर डीडीपीओ शंकर लाल गोयल, डीआईओ अरविन्द्र जोत सिंह, एआईपीआरओ मनोज पाण्डेय सहित अन्य अधिकारी भी उपस्थित थे।
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