एक पैन पर कई अकाउंट, KYC में गड़बड़ी, Paytm पेमेंट बैंक पर संकट

Hindi News BusinessMoney laundering concerns and KYC non compliance led to ban on Paytm Bank by RBI Business News India

एक पैन पर कई अकाउंट, KYC में गड़बड़ी, Paytm पेमेंट बैंक पर संकट

एक पैन पर कई अकाउंट, KYC में गड़बड़ी, Paytm पेमेंट बैंक पर संकट

मनी लॉन्ड्रिंग संबंधी चिंताओं और वॉलेट पेटीएम के अलावा इसकी बैंकिंग शाखा के बीच सैकड़ों करोड़ रुपये के संदिग्ध लेनदेन के कारण भारतीय रिजर्व बैंक को विजय शेखर शर्मा द्वारा संचालित इकाइयों पर शिकंजा कसना पड़ा। आरबीआई ने पेटीएम पेमेंट्स बैंक लिमिटेड को किसी भी ग्राहक खाते, प्रीपेड साधन, वॉलेट एवं फास्टैग में 29 फरवरी, 2024 के बाद जमा या टॉप-अप स्वीकार न करने का निर्देश दिया था। इस बीच, खबर ये भी है कि आरबीआई पेमेंट बैंक का लाइसेंस रद्द कर सकता है। आरबीआई ने इसके पहले 11 मार्च, 2022 को पेटीएम पेमेंट्स बैंक को तत्काल प्रभाव से नए ग्राहकों को जोड़ने से रोक दिया था।

आरबीआई ने कहा कि पेटीएम पेमेंट्स बैंक के ग्राहकों को बचत बैंक खाते, चालू खाते, प्रीपेड माध्यम, फास्टैग, नेशनल कॉमन मोबिलिटी कार्ड (एनसीएमसी) सहित अपने खातों से शेष राशि की निकासी या उपयोग की अनुमति किसी प्रतिबंध के बगैर दी जाएगी। बता दें कि वन97 कम्युनिकेशंस के पास पेटीएम पेमेंट्स बैंक लिमिटेड में 49 प्रतिशत हिस्सेदारी है लेकिन वह इसे अपनी सहयोगी के रूप में वर्गीकृत करता है, न कि अनुषंगी कंपनी के रूप में।

कई हजार अकाउंट शक के घेरे में
न्यूज एजेंसी पीटीआई के सूत्रों ने कहा कि पेटीएम पेमेंट्स बैंक लिमिटेड (पीपीबीएल) के पास लाखों ऐसे अकाउंट थे जिनका केवाईसी (अपने ग्राहक को जानें) नहीं हुआ था। वहीं,  कुछ हजार ऐसे भी मामले आए जिसमें कई अकाउंट खोलने के लिए एक ही पैन का उपयोग किया गया था। सूत्रों ने कहा कि ऐसे उदाहरण हैं, जहां लेनदेन का कुल मूल्य करोड़ों रुपये में है, जिससे मनी लॉन्ड्रिंग की चिंताएं बढ़ रही हैं।

31 करोड़ निष्क्रिय ई-वॉलेट
एक विश्लेषक के मुताबिक पेटीएम पेमेंट्स बैंक के पास करीब 35 करोड़ ई-वॉलेट हैं। इनमें से लगभग 31 करोड़ निष्क्रिय हैं, जबकि केवल लगभग चार करोड़ ही बिना किसी शेष राशि या बहुत कम शेष के साथ सक्रिय होंगे। सूत्रों ने कहा कि असामान्य रूप से बड़ी संख्या में निष्क्रिय खातों का उपयोग फर्जी खातों के लिए में किए जाने की आशंका है। ऐसे में केवाईसी में बड़ी अनियमितताएं हुईं है, जिससे ग्राहकों, जमाकर्ताओं और वॉलेट धारकों को गंभीर जोखिम का सामना करना पड़ा। सूत्रों ने कहा कि बैंक द्वारा प्रस्तुत अनुपालन कई मौकों पर अधूरा और गलत पाया गया।

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