मुनाफे वाली वेदांता अब घाटे में, कर्ज संकट के बीच ₹1783 करोड़ का नुकसान
उद्योगपति अनिल अग्रवाल की वेदांता लिमिटेड को चालू वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही में 1,783 करोड़ रुपये का घाटा हुआ। कंपनी ने शनिवार को बताया कि नई कर दर अपनाने से एकमुश्त भारी खर्चा आने से यह घाटा हुआ। वेदांता लिमिटेड को बीते वित्त वर्ष की समान तिमाही में 1,808 करोड़ रुपये का मुनाफा हुआ था। कंपनी ने शेयर बाजार को दी सूचना में बताया कि उसकी आमदनी सितंबर, 2023 तिमाही में बढ़कर 39,585 करोड़ रुपये हो गई, जो बीते वित्त वर्ष की समान तिमाही में 37,351 करोड़ रुपये थी।
इस कारोबार में सुस्ती: हालांकि, इस तिमाही में कंपनी का जिंक व्यवसाय धीमा रहा। इसके घरेलू राजस्व में लगभग 19 प्रतिशत और अंतर्राष्ट्रीय व्यापार राजस्व में 25 प्रतिशत की गिरावट आई। बता दें कि वेदांता समूह भारी कर्ज के बोझ का सामना कर रहा है और अपने भारी पुनर्भुगतान दायित्वों को पूरा करने के लिए अपने व्यवसायों का पुनर्गठन करने की कोशिश कर रहा है। कंपनी के साल 2024 और 2025 में मैच्योर होने वाले 3.2 अरब डॉलर के बॉन्ड पर गंभीर चिंताएं हैं।
बता दें कि वेदांता रिसोर्सेज लिमिटेड की सब्सिडयरी वेदांता लिमिटेड ग्लोबल नेचुरल रिर्सोसेज कंपनी है। यह भारत, दक्षिण अफ्रीका और नामीबिया में तेल और गैस, जस्ता, सीसा, चांदी, तांबा, लौह अयस्क, इस्पात, एल्यूमीनियम और बिजली कारोबार का संचालन करती है।