स्पाइसजेट को SC से झटका, पूर्व प्रमोटर को देने होंगे 380 करोड़ रुपये
सुप्रीम कोर्ट ने स्पाइसजेट को बड़ा झटका दिया है। कोर्ट ने एयरलाइन कंपनी से अपने पूर्व प्रमोटर कलानिधि मारन को 380 करोड़ रुपये की मध्यस्थता राशि का भुगतान करने का निर्देश दिया है। सुप्रीम कोर्ट ने साथ ही ये भी कहा कि व्यवसाय को ‘व्यावसायिक नैतिकता’ के साथ चलाया जाना चाहिए।
बता दें कि दिल्ली हाईकोर्ट ने जून में 7 साल पुराने शेयर हस्तांतरण विवाद में स्पाइसजेट को मारन को 380 करोड़ रुपये का भुगतान करने को कहा था। अदालत ने एयरलाइन को चार सप्ताह के भीतर अपनी संपत्ति का ब्योरा देने का भी निर्देश दिया। इससे पहले 13 फरवरी को सुप्रीम कोर्ट के प्रधान न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड और न्यायमूर्ति पी एस नरसिम्हा और जे बी पारदीवाला की पीठ ने स्पाइसजेट को तीन महीने के अंदर 75 करोड़ रुपये मारन और काल एयरवेज को मध्यस्थता राशि के ब्याज के तौर पर देने का निर्देश था।
शीर्ष न्यायालय स्पाइसजेट की दिल्ली हाईकोर्ट के दो नवंबर, 2020 के आदेश के खिलाफ अपील पर सुनवाई कर रही थी। दरअसल, 20 जुलाई, 2018 को मध्यस्थता न्यायाधिकरण ने मारन और काल एयरवेज को ‘वारंट’ नहीं जारी करने के कारण 1,323 करोड़ रुपये के नुकसान दावे को खारिज कर दिया था। लेकिन ब्याज के साथ 578 करोड़ रुपये देने का निर्देश दिया था। सन टीवी नेटवर्क के मालिक मारन मध्यस्थता न्यायाधिकरण के आदेश के खिलाफ हाईकोर्ट गये थे।
क्या है मामला: यह मामला स्पाइसजेट और उसके प्रवर्तक अजय सिंह के पास स्वामित्व जाने के बाद मारन के पक्ष में ‘वारंट’ नहीं जारी करने से जुड़ा है। सिंह ने एयरलाइन के वित्तीय संकट में होने के बीच फरवरी 2015 में स्पाइसजेट का नियंत्रण फिर से लिया था। मारन और काल एयरवेज ने फरवरी 2015 में स्पाइसजेट में पूरा 35.04 प्रतिशत इक्विटी शेयर सिर्फ दो रुपये में कंपनी के सह-संस्थापक सिंह को हस्तांरित किया था। यह एयरलाइन में 58.46 प्रतिशत हिस्सेदारी के बराबर है।