जानें जीरा के भाव कब होंगे कम? कब तक चढ़ता रहेगा रेट

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जानें जीरा के भाव कब होंगे कम? कब तक चढ़ता रहेगा रेट

जानें जीरा के भाव कब होंगे कम? कब तक चढ़ता रहेगा रेट

दाल में तड़का लगाने से लेकर मसालों का स्वाद बढ़ाने वाला जीरा का भाव 61000 प्रति क्विंटल से गिरकर करीब 50000 के करीब आ गए हैं। आज एनसीडीईएक्स पर जीरा का वायदा भाव 49160 पर खुलकर 48010 रुपये प्रति क्विंटल तक आ गया। हालांकि, दोपहर बाद सुधार होने से 48525 पर ट्रेड कर रहा था।  अगर जीरा का हाजिर भाव की बात करें तो आज यह 47985 रुपये पर पहुंच गया है। आने वाले दिनों में क्या जीरा और महंगा होगा या सस्ता आइए कमोडिटी एक्सपर्ट से समझें..

केडिया कमोडिटिज के प्रेसीडेंट अजय केडिया ने बताया कि निर्यात मांग में लगातार बढ़ोतरी के कारण 2023 में जीरा की कीमतों में 50% से अधिक की वृद्धि हुई। चीन से जीरे की खरीद इतनी अधिक है कि निर्यात के लिए सप्लाई को पूरा करना मुश्किल है। पिछले तीन हफ्तों में चीन ने भारत से 300 से 350 कंटेनर जीरा खरीदा है। बांग्लादेश ने भी भारत से जीरे की अच्छी खरीदारी की है। वर्तमान में जीरे की घरेलू मांग नियमित मांग की तुलना में केवल 15 से 20% है।

देश में जीरे का स्टॉक हुआ कम

केडिया के मुताबिक चीन की भारी मांग और जीरे के उत्पादन में कमी के कारण देश में जीरे का स्टॉक कम हो गया है। प्रसंस्करण केंद्र काफी कम प्रतीत होते हैं। वर्तमान मांग की तुलना में सीमित आपूर्ति के साथ, जीरे की कीमत में वृद्धि जारी है। साथ ही जीरे में मुनाफा भी लगातार बना हुआ है।

अप्रैल में जीरे की फसल की अनुमानित आवक 55 से 60 लाख बैग रहने की उम्मीद थी, लेकिन यह अप्रैल में आवक के आंकड़े अब करीब 50 लाख बैग होने की उम्मीद है। उंझा में एक महीने पहले जीरे की आवक 30,000 से 35,000 बोरी प्रतिदिन थी, लेकिन अब यह घटकर घटकर प्रति दिन 7,000 से 8,000 बैग रह गई है। राजस्थान में भी 7,000 से 8,000 बैग की आवक देखी जा रही है। राजस्थान में करीब 60 से 65 फीसदी फसल की आवक हो चुकी है और गुजरात में करीब 65 से 70 फीसदी फसल बाजार में आ चुकी है। वर्तमान में घरेलू मांग में कमी है क्योंकि जीरे की घरेलू मांग घट रही है। हर साल आम का मौसम शुरू होने के बाद जीरे में उल्लेखनीय वृद्धि के बावजूद उंझा और पूरे देश में आवक नहीं बढ़ रही है।

जीरे में कब तक रहेगी तेजी  और कब होगा सस्ता

केडिया ने बताया कि जीरे में तेजी का रुख 15-20 मई तक जारी रहने की उम्मीद है। बकरीद के लिए निर्यात मांग में बढ़ोतरी रहेगी, जो 20 मई तक चलेगी। सीरिया और अफगानिस्तान से नई फसल 15-20 जून के बाद आएगी। अफगानिस्तान में जीरे की फसल पिछले साल की तुलना में अधिक होने की उम्मीद है और सीरिया में जीरा व्यापारियों का दावा है कि 20,000 से 30,000 टन (पिछले दस वर्षों में सबसे बड़ी फसल) की फसल होगी। अगर मौसम अगले महीने के लिए सीरिया में अनुकूल रहता है तो फसल उम्मीद के मुताबिक आ जाएगी। सीरिया में 20 मई के बाद नए जीरे के दाम खुलेंगे और उम्मीद है कि कीमतें कम होंगी।

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