यात्री वाहनों और ट्रैक्टर की रिकॉर्ड बिक्री पर दोपहिया की क्यों घट रही सेल?
देश में वाहनों की खुदरा बिक्री 2021 के मुकाबले 2022 में 15.28 फीसदी बढ़कर 2.11 करोड़ इकाई पर पहुंच गई। इसमें यात्री वाहनों और ट्रैक्टर की रिकॉर्ड बिक्री हुई है। वाहन डीलर संघों के महासंघ यानी फाडा ने गुरुवार को यह जानकारी दी। फाडा ने एक बयान में बताया कि 2021 में भारत में वाहनों की कुल खुदरा बिक्री 1.83 करोड़ इकाई थी।
वाणिज्यिक वाहनों की खुदरा बिक्री 2022 में 8,65,344 इकाई रही जो 2021 में बिके 6,55,696 वाहनों से 31.97 फीसदी अधिक है। आंकड़ों के मुताबिक अगर दिसंबर की बात की जाए तो 2021 दिसंबर के मुकाबले पिछले साल दिसंबर में बिक्री जरूर घटी है। गाड़ियों की कुल बिक्री इस अवधि में पांच फीसदी घटी है। बाकी सभी क्षेत्रों में बिक्री में बढ़त रही। उद्योग संगठन का कहना है कि आने वाले दिनों में विपरीत वैश्विक भू-राजनीतिक परिस्थितियों, ब्याज दरों में इजाफा और महामारी के लंबे समय तक चलने वाले प्रभाव के कारण कारोबार में सुस्ती बनी रह सकती है।
यात्री वाहन बिक्री का रिकॉर्ड
फाडा के अध्यक्ष मनीष राज सिंघानिया ने कहा है कि कैलेंडर वर्ष 2022 में वाहनों की कुल खुदरा बिक्री सालाना आधार पर 2020 की तुलना में 17 फीसदी बढ़ी है। हालांकि, कोविड से पहले के वर्ष 2019 के मुकाबले बिक्री में 10 फीसदी की गिरावट हुई है। इस दौरान यात्री वाहन श्रेणी में तेजी जारी रही और 2022 के दौरान इस श्रेणी की 34.31 लाख इकाइयां बिकीं। यह यात्री वाहनों की खुदरा बिक्री का अब तक का सर्वाधिक आंकड़ा है। यह 2021 में बिके 29.49 लाख वाहनों से 16.35 फीसदी अधिक है।
दोपहिया में चुनौती कायम
फाडा के मुताबिक महंगाई बढ़ने, वाहन खरीदने की बढ़ती लागत, ग्रामीण बाजारों में रौनक पूरी तरह से नहीं लौटने और इलेक्ट्रिक वाहनों की बिक्री बढ़ने की वजह से आईसीई यानी इंटरनल कम्बशन इंजन दो पहिया श्रेणी में बिक्री कम रही है। वहीं दिसंबर 2022 में भी दोपहिया वाहनों की बिक्री में 11 फीसदी की गिरावट देखने को मिली है।
दोपहिया की बिक्री क्यों घट रही
1. मुद्रास्फीति में वृद्धि
2. दोपहिया वाहन स्वामित्व की बढ़ी हुई लागत
3. ग्रामीण बाजार ने अभी पूरी तरह से तेजी की राह नहीं पकड़ी
4. शहरों में ईवी की बिक्री में वृद्धि हुई गांवों में ईवी की बिक्री को लेकर सुस्ती
पहली बार वाहन कलपुर्जा में विशुद्ध निर्यातक बना भारत
भारतीय वाहन कलपुर्जा विनिर्माता संघ (एसीएमए) ने कहा कि प्रगति मैदान में 12-15 जनवरी, 2023 के बीच आयोजित होने वाली वाहन कलपुर्जा प्रदर्शनी में 800 से अधिक कंपनियां भाग लेंगी। इस बार प्रतिभागियों की संख्या 2020 में पिछले आयोजन की तुलना में 200 अधिक है। एसीएमए के अध्यक्ष संजय कपूर ने कहा कि कलपुर्जों का निर्यात पिछले साल 43 प्रतिशत बढ़कर 19 अरब डॉलर हो गया।
एसीएमए के महानिदेशक विन्नी मेहता ने कहा पिछले साल आयात करीब 18.30 अरब डॉलर का रहा और इस तरह करीब 70 करोड़ डॉलर के साथ भारत पहली बार इस क्षेत्र में विशुद्ध निर्यातक बनकर उभरा। मेहता ने कहा कि पीएलआई योजना के अलावा हर मौके पर सरकार के सहयोग से यह संभव हुआ।