टेक्निकल टेक्सटाइल क्षेत्र में आर्थिक मदद का दायरा बढ़ाने की तैयारी, 1400 करोड़ रुपए खर्च करेगी मोदी सरकार
आने वाले दिनों में टेक्निकल टेक्सटाइल क्षेत्र में नए उद्यमियों यानी स्टार्टअप के लिए बड़े मौके मिल सकते हैं। केंद्र सरकार के टेक्सटाइल मंत्रालय के तहत चलाए जा रहे नेशनल टेक्निकल टेक्सटाइल मिशन में आर्थिक मदद का दायरा बढ़ाया जा रहा है। सरकार की नई गाइडलाइंस के मुताबिक इसमें शिक्षण संस्थान और विश्वविद्यालय भी हिस्सा ले सकते हैं।
1400 करोड़ रुपए खर्च करेगी सरकार
इस कार्यक्रम के बारे में टेक्सटाइस सचिव रचना शाह ने बताया कि मिशन के तहत स्टार्टअप्स को 50 लाख तक की आर्थिक मदद दी जाएगी। शिक्षण और ट्रेनिंग को लेकर सरकार की गाईडलाइंस जारी करते हुए उन्होंने कहा कि टेक्निकल टेक्सटाइल क्षेत्र में शोध और नवाचार पर जोर रहेगा। सरकार इस दिशा में 1400 करोड़ रुपए खर्च करेगी।
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उन्होंने ये भी बताया है कि इस क्षेत्र में आयात निर्भरता को घटाना है और 2024 तक निर्यात के नए क्षेत्रों को भी तलाश करना सरकार की प्राथमिकता रहेगी। इसके लिए सरकार ने टेक्निकल टेक्सटाइल क्षेत्र में इंटर्नशिप देने वाली चुनिंदा कंपनियों को 20 हजार रुपए प्रति छात्र ग्रांट जारी करने की भी प्रक्रिया में है।
कोर्स के लिए 10 करोड़ रुपए की आर्थिक सहायता
वहीं राष्ट्रीय संस्थागत रैंकिंग फ्रेमवर्क के तहत आने वाली विश्वविद्यालयों और संस्थानों में टेक्निकल टेक्सटाइल से जुड़े कोर्स शुरू करने पर लैब लगाने के जैसी चीजों के लिए आर्थिक सहायता का भी प्रस्ताव है। तय गाइडलाइन के मुताबिक पोस्ट ग्रेजुएट कोर्सों से जुड़ी व्यवस्था में 20 करोड़ रुपए और अंडर ग्रेजुएट स्तर के कोर्स के लिए 10 करोड़ रुपए की आर्थिक सहायता दी जाएगी।
देश में टेक्सटाइल बड़े पैमाने पर रोजगार देने वाला क्षेत्र है। सरकार की मंशा है इस क्षेत्र में नए रोजगार पैदा किए जाएं। इसी मकसद से नए उभरते टेक्निकल टेक्सटाइल की दिशा में देश में न केवल शोध पर जोर दिया जा रहा है बल्कि कर्मचारियों के कौशल बढ़ाने के साथ साथ नए छात्रों को भी इसकी ट्रेनिंग देने की तैयारी चल सकती है।