यमुनानगर में 22 वर्षों के पश्चात हुआ यह महायज्ञ
Yamunanagar Hulchul (Amadalpur) : प्राचीन सूर्य कुंड मंदिर अमादलपुर में चल रहे 100 कुंडीय हवन यज्ञ तथा श्रीमद् भागवत कथा का गुरुवार को विश्राम हुआ।इस मौके पर भारी संख्या में श्रद्धालु यहां पहुंचे और श्रद्धालुओं ने पूर्ण आहुति देने के साथ-साथ यज्ञ मंडप की परिक्रमा भी की।महायज्ञ में गुरुवार तक एक करोड़ आहुतियां डाली गई तथा उसके उपरांत पूर्ण आहुति हुई।
मिली जानकारी के अनुसार यज्ञशाला की परिक्रमा करने से मिलता है मनवांछित फल। विश्व प्रसिद्ध सूर्य कुंड मंदिर में चल रहे श्री महा चंडी महायज्ञ में भारी संख्या में श्रद्धालुओं का आना निरंतर जारी रहा। गुरुवार तक चलने वाले इस महायज्ञ में दूर-दूर से धर्म प्रेमियों ने शिरकत की। इस महायज्ञ में एक करोड़ से अधिक मां भगवती की आहुतियां डाली गई।
इस संबंध में जानकारी देते हुए मंदिर के महंत श्री त्रियंबकेश्वर ने बताया कि गुरुवार तक श्री महाचंडी महायज्ञ में मां भगवती की एक करोड़ आहुतियां डाली जा चुकी हैं। संपूर्ण भारत वर्ष से आए 300 साधु संतों एवं ब्राह्मणों द्वारा यज्ञ में आहुतियां डाली गई। उन्होंने बताया कि इस महायज्ञ से संपूर्ण मानव जाति को लाभ मिलेगा।
यमुनानगर में 22 वर्षों के पश्चात हो रहे इस महायज्ञ में अपनी उपस्थिति दर्ज करवाने दूर-दूर से श्रद्धालु पहुंचे। महंत जी ने बताया कि प्रतिदिन यज्ञ के पश्चात महा आरती मे शामिल होने वाले धर्म प्रेमियों की संख्या दिन प्रतिदिन बढ़ती गई। उन्होंने बताया कि महा आरती काशी से आए ब्राह्मणों द्वारा संपूर्ण विधि-विधान द्वारा हर रोज संपन्न करवाई गई।
श्रीमद भगवत कथा का उच्चारण करते हुए कथावाचक शुकदेव जी ने बताया की कथा में पूजनीय व्यास जी कहते हैं कि उत्तम नीति का आचरण मनुष्य को महान बना देता है, सभी मनोकामना को पूर्ण कर देता है एवं स्वर्ग जाने वह मोक्ष प्राप्ति के द्वार काम करता है।
भगवत कथा के पश्चात मंदिर के महंत त्रियंबकेश्वर जी महाराज एवं महंत अचार्य डॉक्टर गुण प्रकाश चैतन्य जी महाराज द्वारा भक्तजनों को आशीर्वाद प्रदान किया गया। गुरुवार को इस यज्ञ का अंतिम दिन था इसलिए श्रद्धालुओं की भारी संख्या में पहुंच रहे थे। मिली जानकारी के अनुसार यज्ञ मंडप में 500 ब्राह्मणों द्वारा हर रोज यज्ञ करवाया जाता था तथा शो जजमान मुख्य रूप से उपस्थित होते थे।