अडानी को एक और झटका: 16% गिरा इस कंपनी का मुनाफा, ₹5000 करोड़ लोन चुकाने के मूड में ग्रुप
Adani Ports Q3FY2023: हिंडनबर्ग रिपोर्ट के बाद अडानी ग्रुप की मुसीबतें कम होने का नाम नहीं ले रही है। बढ़ते विवादों के बीच अब अडानी ग्रुप के लिए और बुरी खबर है। दरअसल, अडानी पोर्ट्स एंड स्पेशल इकोनॉमिक ज़ोन ने अपनी दिसंबर तिमाही के नतीजें जारी कर दिए हैं। कंपनी को अक्टूबर से दिसंबर के बीच तगड़ा घाटा हुआ है। कंपनी का नेट प्रॉफिट सालाना आधार पर 16% गिर कर ₹1,315.5 करोड़ रह गया है। अडानी पोर्ट्स एंड एसईजेड लिमिटेड के सीईओ करण अडानी ने कहा कि कंपनी 5000 करोड़ रुपये का लोन चुकाने पर विचार कर रही है। कंपनी के शेयर आज इंट्रा डे ट्रेड में 4.50% चढ़कर 564 रुपये पर कारोबार कर रहा था।
रेवेन्यू सालाना आधार पर 17.54% बढ़ा
तिमाही दर तिमाही (QoQ) में PAT में गिरावट Q3FY23 में बहुत अधिक है। कंपनी को सितंबर 2022 तिमाही में ₹1,677.48 करोड़ का लाभ हुआ था। इसके मुकाबले इस दिसंबर तिमाही मं यह 21.58% कम है। वित्तीय वर्ष 23 की तीसरी तिमाही में परिचालन से रेवेन्यू 4,786.17 करोड़ रुपये रहा, जो वित्त वर्ष 22 की तीसरी तिमाही में 4,071.98 करोड़ रुपये से 17.54% अधिक है। लेकिन वित्त वर्ष 2023 की सितंबर तिमाही में 5,210.80 करोड़ रुपये के मुकाबले 8.15% कम है। FY23 की नौ महीने की अवधि में अडानी पोर्ट्स का रेवेन्यू 16% YoY बढ़कर ₹15,055 करोड़ हो गया, जबकि EBITA 19% YoY से बढ़कर ₹9,562 करोड़ हो गया। PAT 11% YoY से बढ़कर ₹4,252 करोड़ हो गया।
कंपनी ने क्या कहा?
चालू वित्त वर्ष के 9 महीने में 24% बाजार हिस्सेदारी रखने वाली, अडानी पोर्ट्स देश की सबसे बड़ी प्राइवेट सेक्टर की बंदरगाह कंपनी है। कंपनी के सीईओ करण अडानी ने कहा, “नौ महीने की अवधि में अब तक के सबसे अधिक रेवेन्यू और एबिटडा के साथ कंपनी ग्रोथ कर रही है।” साथ ही अडानी ने कहा, कंपनी ने हाइफा पोर्ट कंपनी, आईओटीएल, आईसीडी टंब, ओशन स्पार्कल और गंगावरम पोर्ट के ट्रांसजेक्शन को पूरा किया है और अपने बिजनेस मॉडल को ट्रांसपोर्ट यूटिलिटी में बदलने की दिशा में अच्छी प्रगति कर रही है।