यमुनानगर। सरकार के नेशनल मेडिकल काउंसिल बिल का विरोध में आईएमए ने रविवार को साइकिल रैली निकाल विरोध जताया। साइकिल रैली नेहरू पार्क से शुरू होकर प्यारा चौक समेत मॉडल टाउन के कई रोड से निकली। रैली में महिला डॉक्टर्स ने भी हिस्सा लिया। आईएमए के प्रधान डॉ. डीके सोनी ने कहा कि अभी एमबीबीएस करने के बाद डॉक्टर प्रैक्टिस कर सकते हैं, लेकिन बिल लागू होने के बाद सरकार एक टेस्ट लेगी। यह टेस्ट पास करने वाला ही प्रैक्टिस कर पाएगा। अगर यह टेस्ट पास नहीं होता तो एमबीबीएस की डिग्री कोई मायने नहीं रखती। यह सरकार का नियम प्राइवेट डॉक्टर्स समेत मेडिकल की पढ़ाई कर रहे युवाओं के खिलाफ है। डॉक्टर राजन शर्मा ने कहा कि सरकार से वे लगातार सुरक्षित माहौल देने की मांग कर रहे हैं, लेकिन सरकार उन्हें आज तक यह मुहैया नहीं कर पाई। उल्टा नए-नए नियम उन पर थोपे जा रहे हैं। उनका कहना है कि अगर कोई गंभीर मरीज अस्पताल में आ जाता है तो डॉक्टर उसका इलाज करने से डरता है। क्योंकि अगर मरीज की मौत हो जाती है तो डॉक्टर पर उसके परिवार के लोग लापरवाही का आरोप लगाकर मारपीट और अस्पताल में तोडफ़ोड़ शुरू कर देते हैं। इसे सरकार को रोकने के लिए कड़ा नियम बनाना चाहिए। ताकि डॉक्टर बिना डर के मरीज का इलाज कर सकें। मौके पर डॉ. एवीएस रवि, डॉ. विक्रम भारती, डॉ. सुनीला सोनी समेत अन्य मौजूद रहे।