बैंक में पैसे जमा कर भूल गए, फटाफट इस पोर्टल पर क्लेम कर लीजिए, एक्शन मोड में है RBI

Hindi News BusinessRBI brings 30 banks on UDGAM portal to help search for unclaimed deposits check detail Business News India

बैंक में पैसे जमा कर भूल गए, फटाफट इस पोर्टल पर क्लेम कर लीजिए, एक्शन मोड में है RBI

बैंक में पैसे जमा कर भूल गए, फटाफट इस पोर्टल पर क्लेम कर लीजिए, एक्शन मोड में है RBI

RBI UDGAM portal: भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने कहा कि बिना दावे वाली राशि के बारे में जानकारी देने वाला उद्गम पोर्टल से 30 बैंक जुड़ गए हैं। इससे लोगों को बिना दावे वाली राशि का पता लगाने के साथ उसके बारे में दावा करने में मदद मिलेगी। पोर्टल को इस रूप से तैयार किया गया है, जिससे लोग बिना दावे वाली राशि/खातों के बारे में पता कर सके और जमा राशि का दावा कर सके या अपने जमा खातों को संबंधित बैंकों में चालू कर सके।

अगस्त में हुआ था लॉन्च: आरबीआई ने 17 अगस्त को उद्गम (बिना दावे वाली जमाराशियां- जानकारी तक पहुंचने का प्रवेश द्वार) पोर्टल शुरू किया था। इसका मकसद लोगों को एक ही स्थान पर कई बैंकों में बिना दावे वाली जमा राशि खोजने की सुविधा प्रदान करना है। शुरू में, यह सुविधा सात बैंकों के साथ शुरू की गई थी। उस समय आरबीआई ने कहा था कि 15 अक्टूबर तक चरणबद्ध तरीके से इसमें और बैंकों को शामिल किया जाएगा। 

कौन-कौन से बैंक शामिल: तीस बैंकों में भारतीय स्टेट बैंक, बैंक ऑफ बड़ौदा, पंजाब नेशनल बैंक, केनरा बैंक और बैंक ऑफ इंडिया जैसे  सार्वजनिक क्षेत्र के सभी प्रमुख बैंक शामिल है। इसके अलावा, सिटी बैंक, स्टैंडर्ड चार्टर्ड और एचएसबीसी जैसे विदेशी बैंक तथा निजी क्षेत्र के बैंकों में एचडीएफसी बैंक, आईसीआईसीआई बैंक और एक्सिस बैंक शामिल हैं।

किस तरह के हैं पैसे: बता दें कि सरकारी बैंकों ने फरवरी, 2023 तक बिना दावे वाली लगभग 35,000 करोड़ रुपये की जमा राशि आरबीआई को बताई थी। ये वे खाते थे, जिसमें पिछले 10 साल या उससे अधिक समय से लेन-देन नहीं हुए थे।

भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) में सबसे ज्यादा 8,086 करोड़ रुपये की बिना दावे वाली राशि है। इसके बाद पंजाब नेशनल बैंक (5,340 करोड़ रुपये), केनरा बैंक (4,558 करोड़ रुपये) और बैंक ऑफ बड़ौदा (3,904 करोड़ रुपये) का स्थान है। सामान्य प्रक्रिया में, किसी बैंक में जमा राशि पर 10 साल तक कोई दावा नहीं आने पर उसे रिजर्व बैंक के ‘जमाकर्ता शिक्षा और जागरूकता’ फंड में स्थानांतरित कर दिया जाता है।

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