नव वर्ष के उपलक्ष में निरंकारी भवन में हुआ विशेष समागम का आयोजन

यमुनानगर। नव वर्ष में लोभ, मोह, ईर्ष्या, वैर, विरोध इत्यादि अवगुणों को त्याग कर सबसे प्यार करने का संकल्प ले। हम अपने जीवन का अनुभव लेकर नए साल 2019 में शामिल हुए है और हम अपने अनुभव से लाभ उठा सकते है और अपने जीवन में सुधार ला सकते है। यह पंक्तिया इंगलैण्ड से आए महात्मा हरमिंद्र सिंह उपाशक जी ने स्थानीय संत निरंकारी सत्संग भवन में आयोजित नव वर्ष के उपलक्ष में विशेष समागम में व्यक्त किए।  साध संगत को सम्बोधित करते हुए उपाशक जी ने कहा कि प्रभु ने हमें कान, जुबान, हाथ, पैर इत्यादि शरीर प्रदान किया है, अब यह हमें सोचना है कि हमें इनका प्रयोग सही कार्य करने के लिए करना है। हमें सतगुरू ने दूसरें को पहल देना सिखाया है। आज जहां मानव शरीर को संवारने में पैसा व समय व्यतीत कर रहा है । इस आत्मा के उद्धार के लिए भी प्रयास करना चाहिए। उन्हाेंने कहा कि सतगुरू बाबा हरदेव सिंह जी महाराज कहा करते थे कि कोई हमारे साथ अच्छा करे तो हम उसके साथ अच्छा करते है । यह कोई बड़ी बात नही है बात तो तब है, जब कोई हमारे साथ बुरा भी करे तो भी हम उसके साथ अच्छा व्यवहार ही करे। उन्हाेंने कहा कि अक्खा दे सामने नू लबना ते खोजना ए  खोज योजना नही, तौहीन योजना ए’, पूर्ण सतगुरू की कृपा से हम निरंकार परमात्मा को जान सकते है। सिया राम मय सब जग जानि केवल कहने की बात नही है ,यदि हम स्वर्ग में रहना चाहते है तो हमें घर को स्वर्ग बनाना होगा। दामाद नही बेटा ढूढंना होगा, बहु नही बेटी ढूंढनी होगी। जब सतगुरू मिलता है तभी पता चलता है, जिन प्रेम कियो, तिन प्रभु पाया। उन्होंने कहा कि पवित्र बाईबल में लिखा है लव दाई नेबर अथार्त अपने पड़ोसी से प्यार करो। यहां पड़ोसी से तात्पर्य यहां परमात्मा से है जो हमारें अंग संग है अगर हम घर में,  सभी रिशतों में परमात्मा देख ले तभी बात बनेगी। उन्होंने स्पष्ट किया कि समझ पढ़ने से, देखने से, सुनने से नही अपितु करने से आती है डाक्टर, पायलट इत्यादि केवल पढ़ने से ही नही बनते अभ्यास करने से बनते है। उपाशक जी ने लोहड़ी के दिन का जिकर करते हुए कहा कि दुला भटृटी वाला थे जिन्हाेंने ने गरीब लड़की की शादी की जिससे सीख मिलती है कि किसी गरीब का हाथ पकड़कर, साथ देकर हम भी लोहड़ी मना सकते है। उन्हाेंने ने कहा कि अपनी सारी चिंताएं सतगुरू को सौप दे। उन्हाेंने कहा कि निरंकारी मिशन में सभी को सम्मानता प्राप्त है और मीठा बोलना, क्षमा मांगना, नम्रता आदि गुणाें को अपना कर ही संत बना जा सकता है।यमुनानगर के विधायक घनश्याम दास अरोड़ा जी ने कहा कि निरंकारी मिशन समय-समय पर मानवता की भलाई के लिए रक्तदान शिविर, सफाई अभियान आदि अनेकों कार्य करता रहता है। उन्होंने कहा कि मुझे यहा साध संगत के दर्शन करके बड़ी खुशी महसूस हो रही है। उन्होंने सभी को लोहड़ी व मकर सक्रांति की शुभकामनाएं दी। क्षेत्रिय संचालक बलदेव सिंह जी ने मिशन में सम्मान का प्रतीक सफेद दुप्पटा पहना कर विधायक महोदय का स्वागत किया। समागम की शुरूआत पावन अवतार वाणी के शब्द गायन से हुई। सुबह से ही निरंकारी भवन में हजारों की संख्या में श्रद्धालु लम्बी -लम्बी कतारों में नमस्कार के लिए एकत्रित हो गए। इस अवसर पर मंच का संचालन जय कुमार नारंग जी ने किया। अनेक वक्ताआें ने अपने विचारों, गीतों व कविताओं के माध्यम से मिशन का सत्य संदेश दिया व समागम में आस-पास के क्षेत्रों से लगभग दस हजार श्रद्धालुओं ने भाग लिया। समागम के उपरांत साध संगत के लिए लंगर की भी समुचित व्यवस्था थी। 
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