इस दिग्गज के पास आया अनिल अंबानी की कंपनी का कंट्रोल, अब 31 मार्च अहम

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इस दिग्गज के पास आया अनिल अंबानी की कंपनी का कंट्रोल, अब 31 मार्च अहम

इस दिग्गज के पास आया अनिल अंबानी की कंपनी का कंट्रोल, अब 31 मार्च अहम

हाल ही में हिंदुजा समूह समर्थित इंडसइंड इंटरनेशनल होल्डिंग्स लिमिटेड ने अनिल अंबानी की रिलायंस कैपिटल लिमिटेड का अधिग्रहण किया है। अब इस अधिग्रहण की प्रक्रिया में तेजी लाने के लिए रिलायंस कैपिटल के लेंडर्स के लीगल एडवाइजर की ओर से लेटर लिखा गया है। इस लेटर में लीगल एडवाइजर लूथरा एंड लूथरा लॉ ऑफिस ने इंडसइंड इंटरनेशनल होल्डिंग्स से 31 मार्च, 2024 को या उससे पहले समाधान योजना के कार्यान्वयन सुनिश्चित करने का अनुरोध किया गया है। बता दें कि इंडसइंड इंटरनेशनल होल्डिंग्स ने 31 मार्च से पहले योजना को लागू करने के लिए प्रतिबद्धता जताई थी।

रिलायंस कैपिटल के लेंडर्स की समिति में एलआईसी, कर्मचारी भविष्य निधि संगठन, इंडसइंड बैंक, डॉयचे बैंक और आईडीबीआई ट्रस्टीशिप सर्विसेज और ब्रॉडपीक इन्वेस्टमेंट एडवाइजर्स सहित विभिन्न वित्तीय संस्थान शामिल हैं।

फरवरी में एनसीएलटी की मंजूरी
बीते फरवरी महीने में राष्ट्रीय कंपनी विधि न्यायाधिकरण (एनसीएलटी) ने रिलायंस कैपिटल पर नियंत्रण के लिए इंडसइंड इंटरनेशनल होल्डिंग्स की तरफ से पेश 9,650 करोड़ रुपये की समाधान योजना को मंजूरी दी थी। इसमें कर्जदाताओं को 63 प्रतिशत बकाया का नुकसान उठाना पड़ेगा। जून, 2023 में इंडसइंड इंटरनेशनल होल्डिंग्स की तरफ से रिलायंस कैपिटल के लिए कर्ज समाधान योजना पेश की गई थी।

समाधान योजना पूरी होने पर रिलायंस कैपिटल की बहुलांश हिस्सेदारी आईआईएचएल के पास आ जाएगी और शेयर बाजारों पर रिलायंस कैपिटल की सूचीबद्धता खत्म हो जाएगी। अगर रिलायंस कैपिटल के शेयर की बात करें तो फिलहाल ट्रेडिंग बंद है और शेयर की कीमत 11 रुपये है। हालांकि, एक वक्त में यह शेयर 2500 रुपये के स्तर को भी पार कर गया था।

2021 में आरबीआई की कार्रवाई
भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने नवंबर, 2021 में अनिल धीरूभाई अंबानी समूह की कंपनी रिलायंस कैपिटल के निदेशक मंडल को प्रशासनिक मुद्दों और भुगतान चूक की वजह से बर्खास्त कर दिया था। उस समय केंद्रीय बैंक ने नागेश्वर राव वाई को प्रशासक नियुक्त किया था, जिन्होंने कंपनी का अधिग्रहण करने के लिए फरवरी, 2022 में बोलियां आमंत्रित की थीं। बता दें कि रिलायंस कैपिटल पर 38,000 करोड़ रुपये से अधिक का कर्ज था। 

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