Home धर्म | समाज इकलाब मन्दिर में मनाया वीरांगना रानी लक्ष्मीबाई का शहीदी दिवस

इकलाब मन्दिर में मनाया वीरांगना रानी लक्ष्मीबाई का शहीदी दिवस

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रादौर। इकलाब मन्दिर गुमथला में अमर शहीद वीरांगना रानी लक्ष्मीबाई का शहीदी दिवस मनाया गया। इस अवसर पर सोसायटी के प्रदेशाध्यक्ष एडवोकेट वरयामसिंह व अन्य ग्रामीणों ने रानी लक्ष्मीबाई के चित्र पर फुलमालाएं अर्पित कर उन्हें श्रद्धांजलि भेट की। इस अवसर पर सोसायटी के सदस्यों ने समाजिक बुराईयों को जड से समाप्त करने की शपथ ली। हरियाणा एंटीक्रप्शन सोसायटी अध्यक्ष वरयाम सिंह एडवोकेट ने अमर शहीद वीरांगना के जीवन परिचय पर प्रकाश डाला। उन्होंने बताया कि  किस तरह रानी लक्ष्मी बाई ने विदेशी हकूमत से लोहा मनवाया। उन्होने बताया कि अमर वीरांगना की शादी छोटी उम्र में हो गई थी। शादी से पहले मनू नाम से बुलाया जाता था रानी लक्ष्मी बाई को और शादी के बाद रानी लक्ष्मी बाई के नाम से बुलाया जाने लगा। लक्ष्मी बाई शस्त्र साधन में निपुण थी। उन्होने युद्ध के मैदान में कभी भी स्वयं को महिला कहकर या महिला समझकर पीछे रहने का मन नही बनाया बल्कि अन्य पुरूष यौद्धाओं से प्रशिक्षण के दौरान धूल चटाने में महारथ हासिल थी। जिसे देखकर उनके पति राजा अति प्रसन्न रहते थे। वह अपनी सेना का संचालन स्वयं मर्दानी पोशाक पहनकर करती थी। लेकिन जब पति की मृत्यु के उपरांत पुरी झांसी शोक में डूब गई और अंग्रेजी हकूमत अपनी कुटील नीतियों के चलते झांसी पर चढ़ाई कर दी। रानी ने जवाबी हमला करते हुए सेना को किले के मोर्चाबन्दी में तैनात किया। और युद्ध मोर्चा की किलेबन्दी देखकर अंग्रेजी हकुमत दंग रह गई। और एक कुशल सेनानायक की भूमिका अदा करते हुए रानी लक्ष्मी बाई ने झांसी से अंग्रेजी हकुमत को अपने प्रहारों से पीछे हटने को मजबूर कर दिया। जिसे आज तक हमारा इतिहास याद करता है और करता रहेगा। अमर वीरांगना रानी लक्ष्मी बाई ने महिलाओं को हर क्षेत्र में बेमिसाल सहयोग करने का उत्साह जगाया और आज भी भारत देश की महिलाऐं पुरूषों के साथ कन्धा से कन्धा मिलाकर चलती है और भारतीय सेनाओं में भर्ती होकर रानी लक्ष्मी बाई की भूमिका अदा करती रहेगी। महिला किसी भी क्षेत्र में पुरूष वर्ग से पीछे नही है और न ही हमें अपने मन में महिलाओं को पीछे समझना चाहिए। हमें आज इस शहादत दिवस पर प्रण लेना चाहिए कि हम भ्रुण हत्या को लेकर भारत देश में बेटियों की संख्या जो दिन प्रतिदिन कम होती जा रही है। हमें उस पर भ्रुण हत्या के खिलाफ जागरूक अभियान चलाकर समाज के अन्दर बेटियों को जन्म लेने का अधिकार दिलाना होगा ताकि समय आने पर हमारी बेटियां रानी लक्ष्मी बाई बनकर हमारे देश व समाज के दुश्मन से रक्षा कर सके और भारत देश का नाम रोशन कर सके।