Home धर्म | समाज स्नातन ही धर्म का मूल है : स्वामी महेशाश्रम

स्नातन ही धर्म का मूल है : स्वामी महेशाश्रम

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यमुनानगर (रादौर)। श्री नागेश्वर धाम पक्का घाट रादौर में चल रही सात दिवसीय श्रीमदभगवत कथा मंगलवार को लगातार पांचवे दिन भी जारी रही। कथा के पांचवे दिन सैकड़ों की संख्या में श्रद्धालु कथा सुनने कार्यक्रम में पहुंचे। इस अवसर पर जगदगुरू शंकराचार्य स्वामी महेशाश्रम ने कहा दुनियां में अनेकों पंथ मजहब आदि अस्थिर धर्म है। जब जब पृथ्वी पर अधर्मी, पापी बढते है तो भगवान को अवतार सनातन धर्म में होता है। मूलरूप से स्नातन ही धर्म का मूल है। वेदों में स्नातन नाम ईश्वर का ही बताया गया है। भगवान कृष्ण के अवतार की कथा सुनाते हुए उन्होंने कहा कि ऐसे तो परमात्मा का कभी जन्म नहीं होता। भगवान स्वरूप वर्ण करके अपनी लीलाओं के द्वारा भक्तों को भक्ति एवं आंनद प्रदान करते है। वहीं दुष्टों का संहार कर सनातन धर्म की रक्षा करते है। अवतार के छठे दिन श्री कृष्णा ने पुतना का वध किया। वहीं अपनी बाल लीलाओं से बृजवासियों को अपने वशीभूत करते हुए उन्हें सतमार्ग पर चलने की प्रेरणा दी। प्रत्येक प्राणी को भगवान के अवतारीक चरित्र से धर्म शिक्षा प्राप्त कर अपने जीन में सरलता एवं सतमार्ग पर चलने का प्रयत्न करना चाहिए। इस अवसर पर ज्ञानप्रकाश शर्मा, बलबीर बंसल,सुशील शर्मा, नीतीश जोगी, विजय शर्मा, चैनी शर्मा, पंडित नवनीत शास्त्री, मनोज रोहिला, श्यामलाल सैनी, विराट शर्मा, अशोक वालिया, रोहित अरोडा, कृष्णलाल प्रजापत,सुरेन्द्र खुर्दबन आदि मौजूद थे।