Home स्कूल | कॉलेज गुरु नानक खालसा कॉलेज में इंडो एंग्लियन उपन्यासों में राष्ट्रवाद और मानवतावादी भावना की तलाश विषय पर कांफ्रेंस

गुरु नानक खालसा कॉलेज में इंडो एंग्लियन उपन्यासों में राष्ट्रवाद और मानवतावादी भावना की तलाश विषय पर कांफ्रेंस

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गुरु नानक खालसा कॉलेज में इंडो एंग्लियन उपन्यासों में राष्ट्रवाद और मानवतावादी भावना की तलाश विषय पर कांफ्रेंस

यमुनानगर। गुरु नानक खालसा कॉलेज के अंग्रेजी विभाग की और से इंडियन कौंसिल ऑफ़ सोशल साइंस रिसर्च नई दिल्ली के सौजन्य से इंडो एंग्लियन उपन्यासों में राष्ट्रवाद और मानवतावादी भावना की तलाश विषय पर राष्ट्रीय कांफ्रेंस का आयोजन किया गया। कॉलेज के प्राचार्य डॉ मंदीप सिंह ने कॉलेज की प्रबंधक समिति की और से कांफ्रेंस में भाग लेने आये विद्वानों का स्वागत किया और आशा व्यक्त की कि निश्चित रूप से इस कांफ्रेंस से अध्यापक और विद्यार्थी लाभन्वित होंगे।
कार्यक्रम के संयोजक डॉ आरएस वालिया ने कांफ्रेंस की विषय वस्तू के बारे में जानकारी देते हुआ कहा कि वर्तमान में यह जरूरी है कि युवा पीढ़ी व्यकितगत स्वार्थ से ऊपर उठकर राष्ट्रवाद और मानवतावाद की भावनाओं को आत्मसात कर सके इस परिप्रेक्ष्य में ऐसे प्रेरणादायक कार्यक्रम और ज्यादा महत्वपूर्ण हो जाते हैं। मुख्या वक्ता के रूप में विचार प्रकट करते हुए कुरुक्षेत्र यूनिवर्सिटी कुरुक्षेत्र के पूर्व कुलपति प्रोफेसर डॉ भीम सिंह दहिया ने कहा कि इंडो एंग्लियन उपन्यासों ने राष्ट्रवादी और मानवतावादी विचारधारा को नए क्षितिज प्रदान किये हैं।
उन्होंने राबिन्द्रनाथ टैगोर, मंजू कपूर, मुल्कराज आनन्द, आरके नारायण, राजा राव जैसे लेखको का जिक्र करते हुए कहा कि इन्होने अपनी जिम्मेवारी को समझते हुए अपने उपन्यासों में इन मुद्दों को अपनी लेखनी के माध्यम से उठाया और एक मजबूत और मूल्यवान देश बनाने तथा समाज के विकास में इन मूल्यों की आवश्कता पर बल दिया । कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए मेजर आरएस भट्टी ने खालसा शिक्षण सँस्थाओं के सरपरस्त भूपिंदर सिंह जौहर की ऐसे देश प्रेम और समाज सेवा से जुड़े कार्यक्रम आयोजित करने की सराहना करते हुए विद्वानों और विद्यार्थिओं से अखंड भारत के निर्माण हेतु कार्य करने के लिए प्रेरित किया और युवा पीढ़ी से पक्षपातपूर्ण विचारों से दूर रहने का आहवान किया। कांफ्रेंस में कुरुक्षेत्र यूनिवर्सिटी कुरुक्षेत्र के अंग्रेजी के पूर्व प्रोफेसर डॉ दिनेश दधिची, मोती लाल नेहरु कॉलेज दिल्ली से आई डॉ हेमा दहिया और संत लोंगोवाल इंस्टीच्यूट ऑफ़ इंजीनियरिंग एंड टेक्नोलॉजी लोंगोवाल से आई डॉ जप प्रीत कौर भंगु के अतिरिक्त पंजाब, हरियाणा और राजस्थान से आये लगभग 25 विद्वानों ने अपने शोधपत्र प्रस्तुत किये और एकमत होकर मानवीय मूल्यों को सतत निर्मित करने के साथ साथ देश की एकता और अखंडता हेतु कार्य करने में अपनी आस्था व्यक्त की। कार्यक्रम का समापन राष्ट्रगान के साथ हुआ।