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दिल में है कोई बात, तो उसे बोलो – डा. संजीव जुनेजा की कविता

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दिल में है कोई बात, तो उसे बोलो – डा. संजीव जुनेजा की कविता

#चंडीगढ़। पिछले कुछ दिनों से डिप्रेशन, तनाव और इसके चलते जिंदगी की जंग हार जाने तक जैसी बातों का ही जिक्र रहा है। परंतु इन सभी के बीच एक बार फिर से पॉजिटिविटी का संदेश लेकर आए हैं डा. संजीव जुनेजा। डा संजीव जुनेजा इससे पहले भी अपनी कविताओं एवं गीतों के माध्य म से पूरे देश को सकारात्मीकता का संदेश देते रहे हैं। गौरतलब बात यह है कि डॉक्टर संजीव जुनेजा देश के जाने माने उद्योगपति हैं एवं इनके डॉक्टर ऑर्थो, रूप मंत्रा, सच्ची सहेली, पेट सफा जैसे बडे-बडे ब्रांडस है। डा जुनेजा की यह कविता इन दिनों सोशल मीडिया पर खूब वायरल हो रही है।

दिल में है कोई बात, तो उसे बोलो
अगर कोई नहीं तेरे साथ, आईने में खुद ही को देखके बोलो, पर बोलो।

क्‍यों घुटते हो खुद ही में, इस घुटन को सबके आगे खोलो,
दिल में है कोई बात, तो प्‍लीज़ उसे बोलो।

बेरंग सी दिखती जिंदगी में, अभी भी जिंदा कई रंग हैं,
दिखता है कोई नहीं साथ, फिर भी हज़ारों हाथ तेरे संग हैं।

सिर्फ कुछ टूटा क्‍यों देखते हो – सिर्फ कुछ टूटा क्‍यों देखते हो
हज़ारों खवाबों को भी तो तुमने जिया है।

कुछ ना दे सका जो रब तुम्‍हें तो क्‍या, बिन मांगी मुरादों को भी उसी ने ही तो पूरा किया है
नज़र बदलो नज़ारे बदल जाएंगे, नज़र बदलो नज़ारे बदल जाएंगे खुद को बदलो, सारे बदल जाएंगे।

और तुम पर सिर्फ तुम्‍हारा अधिकार नहीं है, तुम पर सिर्फ तुम्‍हारा अधिकार नहीं है
तुम्‍हें नहीं खुद से मोहब्‍बत, तो क्‍या किसी को तुमसे प्‍यार नहीं है।

सब कुछ मिल भी गया जिंदगी में, तो तमन्‍ना किसकी करोगे
अरे ख्‍वाहिशें ही ना रही अधूरी तो शिकवा किससे करोगे

नहीं है इज़ाजत, नहीं है इज़ाजत तुम्‍हें खुद को ठुकराने की,
बस कुछ खो गया उसी को दिल से लगाने की।

अरे फैलाओ पंखों को, करो कोशिश फिर से उड़ानों की,
ताकत है तुममें, पूरा नहीं तो आधा आसमान पाने की।

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