Home जिले के समाचार सामूहिक स्वच्छता श्रम कार्यक्रम में आए गृह विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव डॉ. एस.एस. प्रसाद

सामूहिक स्वच्छता श्रम कार्यक्रम में आए गृह विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव डॉ. एस.एस. प्रसाद

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सामूहिक स्वच्छता श्रम कार्यक्रम में आए गृह विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव डॉ. एस.एस. प्रसाद
सढौरा। स्वच्छता ही सेवा कार्यक्रम के तहत राजकीय वरिष्ठï माध्यमिक विद्यालय सरांवा के प्रांगण से सामूहिक स्वच्छता श्रम कार्यक्रम का आयोजन किया गया, जिसमें हरियाणा गृह विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव डॉ. एस.एस. प्रसाद ने मुख्यातिथि के रूप में शिरकत की। कार्यक्रम में उपायुक्त गिरीश अरोड़ा, पुलिस अधीक्षक कुलदीप सिंह यादव, रादौर की उपमण्डलाधीश डा. पूजा भारती, जिला विकास एवं पंचायत अधिकारी गगनदीप सिंह, सढौरा की बीडीपीओ मार्टीना महाजन सहित अन्य विभागों के अधिकारी एवं कर्मचारी, सरपंच, पंच, ग्रामीण, अध्यापक व विद्यार्थी उपस्थित थे।
स्वच्छता ही सेवा कार्यक्रम में हरियाणा गृह विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव डॉ. एस.एस. प्रसाद ने कार्यक्रम में उपस्थित अधिकारियों, कर्मचारियों, सरपंचों, पंचों, अध्यापकों व विद्यार्थियों को सम्बोधित करते हुए कहा कि पेयजल एवं स्वच्छता मन्त्रालय भारत सरकार द्वारा स्वच्छ भारत मिशन-ग्रमीण के तहत *स्वच्छता ही सेवा* कार्यक्रम चलाया जा रहा है व सरकार ने स्वच्छता की गतिविधियों को एक अभियान के रूप में मनाने का अहम फैसला लिया है जिसका उद्देश्य बड़े पैमाने पर समाज में स्वच्छता के प्रति जागरूकता पैदा करना है। उन्होंने ग्रामीणों का आह्वïान किया कि इस दौरान ग्रामीण क्षेत्रों में स्वच्छता की दृष्टिï से तस्वीर बदलेगी और गांव की साफ-सफाई, कूड़े-कचरे का उचित निपटान, गंदे पानी की उचित निकासी व व्यक्तिगत स्वच्छता को प्रमुखता के आधार पर हर ग्राम पंचायत कार्य करे।
उन्होंने कहा कि सभी व्यक्तिगत रूप से तथा अपने सहयोगियों के माध्यम से इस अभियान को हर जन, हर गांव तक, हर गली तक व हर घर तक पहुंचाने के साथ-साथ सभी क्षेत्रों के निवासी स्वच्छता ही सेवा अभियान को सफल बनाने में अपना योगदान दें तथा स्वच्छता को एक जन आंदोलन के रूप में लेने की जरूरत है क्योंकि स्वच्छता एक व्यापक शब्द है, जिससे हम अपना सम्पूर्ण विकास कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि स्वच्छता को अपना कर सभी अपना व अपने परिवार का विकास कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि गांवों में अनेकों समस्याएं खड़ी हैं, चाहे गंदगी की, चाहे कूडे-कचरे के निपटान या गन्दे पानी की निकासी की हो, यदि हम आपस में मिलजुल कर इस दिशा में प्रयास करें तो इस समस्या का हल स्थानीय स्तर पर किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि कूड़े-कचरे को उचित स्थान पर डालकर व गन्दे पानी की निकासी करके हम इस प्रकार की समस्या पर रोक लगा सकते हैं। स्वच्छता ही सेवा कार्यक्रम में विद्यार्थियों द्वारा नाटक के माध्यम से स्वच्छता का संदेश दिया गया व ग्रामीणों, विद्यार्थियों, अधिकारियों आदि को स्वच्छता की शपथ दिलाई गई व स्वच्छता की रैली का आयोजन कर सभी द्वारा स्वच्छता श्रम दान किया गया।
गांव सरांवा में स्वच्छता ही सेवा कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए उपायुक्त गिरीश अरोड़ा ने कहा कि यह सफाई व्यवस्था नियमित रूप से होनी चाहिए तथा गंदगी व कूड़े-कचरे के निपटान के लिए कचरे से कमाई का शैड निर्माण करवाए जाने की व्यवस्था करें ताकि गंदगी की छंटाई करके गलनशील वस्तुओं से खाद तैयार करके तथा अगलनशील कचरे को पुन: प्रयोग में लाने के लिए निर्धारित स्थान पर पहुंचाया जा सके। उन्होंने कहा कि सभी ग्रामीण स्वच्छता को अपने जीवन का हिस्सा बनाएं तथा जिस प्रकार हर रोज हम स्नान करते हैं और अपने घरों को साफ करते हैं, उसी प्रकार सार्वजनिक स्थलों व घरों के बाहर भी साफ-सफाई की आदत डालें। ग्रामीण सार्वजनिक स्थानों पर कुड़ा कर्कट न फैलाएं। स्वच्छता हम सबकी जिम्मेदारी है व हमारे जीवन का हिस्सा है। इसलिए हर ग्रामीण स्वच्छता का दूत बनकर स्वयं स्वच्छता के लिए कार्य करने के साथ-साथ अन्य लोगों को भी स्वच्छता के बारे में जागरूक करें।
उपायुक्त ने कहा कि सरकार द्वारा राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की 150वीं जयंती तक स्वच्छता के लक्ष्य को प्राप्त करना है। हरियाणा को दूध-दही का प्रदेश माना जाता रहा है। इसके बावजूद भी प्रदेश में लगभग 50 प्रतिशत महिला व बच्चे कुपोषण से ग्रसित हैं। उन्होंने कहा कि हमें संतुलित आहार लेना होगा, तभी कुपोषण से बच्चों व महिलाओं को बचा पाएंगे। उन्होंने ग्रामीणों का आह्वान किया कि वे स्वच्छ भारत मिशन के तहत स्वच्छता के लक्ष्य को प्राप्त करने में अपना महत्वपूर्ण योगदान दें। उन्होंने कहा कि स्वच्छता को लेकर समाज में जागरूकता जरूरी है। उन्होंने ग्रामीणों को पेयजल के सभी कनैक्शनों पर टुंटी लगाने को भी कहा, ताकि व्यर्थ जल न बहे। उन्होंने कहा कि सरांवा गांव में गुरू रविदास मंदिर के नजदीक छह सामुदायिक शौचालय बनाए गए हैं व गांव में तीन सफाई कर्मचारी नियुक्त हैं तथा गांव सरांवा की कालोनी के नजदीक कचरा निवारण क्षेत्र बनाया जा रहा है।