Home जिले के समाचार कृषि विज्ञान केन्द्र दामला के प्रशिक्षण कार्यक्रम में महिलाओं को दी ऑनलाईन मार्किटिंग की जानकारी

कृषि विज्ञान केन्द्र दामला के प्रशिक्षण कार्यक्रम में महिलाओं को दी ऑनलाईन मार्किटिंग की जानकारी

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कृषि विज्ञान केन्द्र दामला के प्रशिक्षण कार्यक्रम में महिलाओं को दी ऑनलाईन मार्किटिंग की जानकारी
yamunanagar hulchul damla
यमुनानगर। कृषि विज्ञान केन्द्र दामला द्वारा खंड रादौर के गांव रादौरी में निकरा परियोजना के तहत 3 दिवसीय कला व चित्रकारी प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस प्रशिक्षण कार्यक्रम में 35 ग्रामीण महिलाओं एवं युवतियों ने भाग लिया। इसमें महिलाओं एवं युवतियों को कला, चुन्नी रंगाई, शिल्पकारी व खिलौने बनाने के बारे विस्तार से जानकारी दी गई।
कार्यक्रम में कृषि विज्ञान केन्द्र के संयोजक एवं वरिष्ठ प्रधान वैज्ञानिक डॉ. बलदेव राज काम्बोज ने कहा कि महिलाओं के सशक्तिकरण के लिए समय समय पर ऐसे कार्यक्रम आयोजित करना बहुत आवश्यक है। इस प्रशिक्षण कार्यक्रम में महिलाएं एवं युवतियां रंगाई, चित्रकारी, शिल्पकारी व खिलौनों बनाने आदि सीखकर व्यवसाय के रूप में इसे अपना सकती है और अपनी आमदनी का जरिया बना सकती है तथा किसान वर्ग एवं मजदूर वर्ग के लिए ऐसे प्रशिक्षण शिविर आजीविका का साधन बन सकते हैं।
डॉ. काम्बोज ने प्रशिक्षण कार्यक्रम में महिलाओं को ऑनलाईन मार्किटिंग के बारे भी विस्तार से जानकारी दी। उन्होंने बताया कि महिला सशक्तिकरण के तहत गांव रादौरी में महिलाओं को घरेलू स्तर पर केचूआ खाद व सब्जियां तैयार करने बारे प्रशिक्षण भी दिया गया है ताकि जहरमुक्त सब्जी तैयार की जा सके। कार्यक्रम के अन्त में उन्होंने सभी प्रतिभागियों को बधाई दी और कहा कि महिलाएं भविष्य में जिस प्रकार के कार्यक्रम में रूचि लेगी उसी प्रकार के प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन किया जाएगा ताकि महिलाएं आत्मनिर्भर बन सकें और अपना व अपने परिवार का गुजारा ठीक प्रकार से कर सके। उन्होंने बताया कि इस प्रशिक्षण कार्यक्रम को सफल बनाने में आशा वर्मा का विशेष योगदान रहा है।
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प्रशिक्षण कार्यक्रम में कृषि विज्ञान केन्द्र दामला के कृषि वैज्ञानिक डॉ. संदीप रावल ने प्रशिक्षण कार्यक्रम में भाग लेने वाली सभी प्रतिभागियों से स्वच्छता को अपनाने की अपील की क्योंकि स्वच्छता हमारे जीवन का अभिन्न अंग है। उन्होंने महिलाओं से आग्रह किया कि  किसी भी प्रकार के फसल अवशेष को आग न लगाए और उसे खेत में ही मिला दें या गोबर खाद में मिलाकर केचूआ खाद घरेलू स्तर पर तैयार करें। कार्यक्रम श्रीमती निशा, योगिता, दीपा, महक सहित सभी प्रतिभागियों ने काफी रूचि ली और पूरी लगन से कार्य सीखा। कार्यक्रम के अन्त में मुख्यातिथि ने सफल प्रतिभागियों को प्रमाण पत्र भी वितरित किए। कार्यक्रम में निकरा से जुड़े कृषि वैज्ञानिकों डॉ. संदीप कुमार, डॉ. बजरंग व प्रमोद इत्यादि ने भाग लिया और प्रतिभागियों के साथ अपने विचार सांझा किए।