Home जिले के समाचार जिले के ग्रामीण व शहरी में 20 चिकित्सा अधिकारियो की दो दिवसिय ट्रेनिंग का किया शुभारंभ

जिले के ग्रामीण व शहरी में 20 चिकित्सा अधिकारियो की दो दिवसिय ट्रेनिंग का किया शुभारंभ

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जिले के ग्रामीण व शहरी में  20 चिकित्सा अधिकारियो की दो दिवसिय ट्रेनिंग का किया शुभारंभ

यमुनानगर। 2019 को हरियाणा सरकार द्वारा चलाये जा रहे कार्यक्रम एन.सी.डी. के अन्तर्गत ‘जनसंख्‍या आधारित जाँच कार्यक्रम (पोपुलेषन बेस्ड स्क्रीनिंग कार्यक्रम) टेऊनिंग का शुभांरभ डॉ. विजय दहिया, कार्यकारी सिविल सर्जन, यमुनानगर ने जिले के ग्रामीण व शहरी लगभग 20 चिकित्सा अधिकारियो की 2 दिवसिय (6 मार्च व 7 मार्च 2019) ट्रेनिंग का शुभारंभ कार्यालय सिविल सर्जन यमुनानगर मे स्थापित ट्रेनिंग सैटंर मे किया। पिछले वर्ष जनसं या आधारित जाँच ग्रामीण क्षेत्रों में आरंभ की गई थी तथा इसी प्रकार यही जाँच शहरी क्षेत्रों मे भी करवाई जानी है । पिछले वर्ष स्वास्थय विभाग, यमुनानगर की आश वर्कस् के द्वारा गाँव-गाँव में घूम कर सभी गाँव वासियों का सर्वेक्षण किया गया था। इसी कार्यक्रम के चलते अब इस वर्ष यही कार्यक्रम जिला यमुनानगर के अर्बन (शहरी) क्षेत्रों में भी आरंभ किया जा रहा है तथा इसी प्रकार आश शहरी ईलाकों में भी जा कर सभी का सर्वेक्षण करेंगी तथा 30 वर्ष से अधिक के सभी व्यक्तियों की जाँच ए.एन.एम. द्वारा की जायेंगी। इस अवसर पर कार्यवाहक सिविल सर्जन, यमुनानगर डॉ. विजय दहिया ने कार्यक्रम के बारे में बताया की इस कार्यक्रम के चलते जिला यमुनानगर के सभी शहरी क्षेत्रों में कार्यक्रम को सूचारू रूप से चलाने के लिये चिकित्सा अधिकारियो को ट्रेनिंग दी जा रही है इस कार्यक्रम के तहत 5 प्रमुख गैर संचारी रोंगों की जाँच इस टेऊनिंग के तहत टेऊन्ड हुए डाक्टरस द्वारा की जाएगी । इसमें मुख्‍यत: उच्च रक्त चाप, मधुमेह अथवा डायबिटीज, गर्भाश्‍य के मुँह का कैन्सर (सर्वाइकल कैन्सर), स्तन का कैन्सर व मुँह का कैन्सर हैं। डॉ. दहिया ने जानकारी देते हुये यह भी बताया की गैर संचारी रोग लबे समय तक रहने वाली बिमारियां होती हैं, इन बिमारियो पर काफी धन खर्च होता है व रोगी की अकस्मिक मृत्यु भी हो सकती है। अत: इन बिमारियो से बचने के लिए इन रोगो के बारे जागरूकता होनी अति आवश्‍यक है, जिससे इन बीमारियो से बचा जा सके। उन्होने कहा कि यदि आरंभ में इन बीमारीयों का पता चल जाये तो इन बीमारियों का पूर्ण ईलाज भी संभव है। अत: इस सर्वेक्षण द्वारा मरीजों की बीमारीयों का आरंभ में ही पता चल जायेगा और ईलाज संभव होगा। प्रषिक्षक डा. विजय परमार व डा. कपिल कुमार ने बताया कि इस ट्रेनिग के माध्यम से स्टॉफ नर्स, ए.एन.एम. व आश वर्कर को प्रशिक्षित की जा चुका है। अब यह प्रशिक्षण सभी चिकित्सा अधिकारियो व पैरा मैडिकल स्टाफ को भी दिया जा रहा है। इस अवसर पर डा. कपिल क बोज, बोबेष पंजेटा, व अन्य स्टॉफ मौजूद था ।