Home जिले के समाचार शिक्षा विभाग के फरमान से फिर चढी गुरुजी की त्‍योरियां

शिक्षा विभाग के फरमान से फिर चढी गुरुजी की त्‍योरियां

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शिक्षा विभाग के फरमान से फिर चढी गुरुजी की त्‍योरियां
अध्‍यापकों से उनकी चल अचल संपति का ब्‍यौरा मांगा
शिक्षक बोले : हम देेते हैं टैक्‍स फिर भी सरकार हमें शक की निगाह से देख रही
यमुनानगर। शिक्षा विभाग के एक फरमान ने प्रदेश भर के लाखोंं शिक्षकोंं को हैरान कर दिया है। विभाग ने एक लैटर जारी कर सभी शिक्षकों को अपनी चल-अचल संपत्ति का ब्‍यौरा देने को कहा गया है। इतना ही नहीं, शिक्ष्‍कों को आगाह किया गया है कि यदि उन्‍होंने चल-अचल संपत्ति का ब्‍यौरा नहीं दिया तो उन्‍हें जून माह की सेलरी नहीं दी जाएगी। पिछले दिनों शिक्षा विभाग के निदेशक की अोर से प्रदेश के सभी जिला शिक्षा अधिकारियों को इस संबंध में लैटर जारी किया गया  जिसके बाद जिला शिक्षा अधिकारी कार्यालय से अध्यापकों की चल-अचल संपत्ति की डीटेल मांगी गई। अध्‍यापकों की चल अचल संपत्ति का ब्‍यौरा लेने के लिए विभाग की ओर से बाकयदा एक प्रोफार्मा भ्‍ी जारी किया गया है। उधर, अध्‍यापक इस आदेश को तुगलकी फरमान बता रहे हैं।  हरियाणा अनुसूचित जाति राजकीय अध्यापक संघ ने सरकार के इस फरमान की कड़े शब्दों में निंदा की। जिला महासचिव जय कृष्ण ने सरकार व विभाग पहले भी बेसिर पैर के फरमान जारी कर चुकी है, जिसका अध्‍यापक विरोध करते रहे हैं।
हरियाणा राजकीय अध्यापक संघ के प्रदेशाध्यक्ष प्रदीप सरीन
हरियाणा राजकीय अध्यापक संघ के प्रदेशाध्यक्ष प्रदीप सरीन
अध्‍यापकों के पास कोई काली कमाई नहीं : प्रदीप सरीन
हरियाणा राजकीय अध्‍यापक संघ संबंधित महासंघ के प्रदेशाध्‍यक्ष प्रदीप सरीन ने कहा कि इस आदेश से ऐसा प्रतीत होता है कि सरकार अध्‍यापकों को शक की निगाह से देख रही है। अध्‍यापकों के पास कोई काली कमाई नहीं है। अध्‍यापकों को लिमिटेड सेलरी मिलती है और जिस पर वे टैक्‍स देते हैं। सरकार के इस आदेश का सभी अध्‍यापक यूनियनों ने विरोध किया है।