Home जिले के समाचार रादौर को उपमंडल का दर्जा मिलने के बाद जठलाना को ब्‍लॉक का दर्जा देने की मांग की जा रही है

रादौर को उपमंडल का दर्जा मिलने के बाद जठलाना को ब्‍लॉक का दर्जा देने की मांग की जा रही है

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रादाैर। रादौर को उपमंडल का दर्जा मिलने के बाद जठलाना क्षेत्र के लोगों ने जठलाना को ब्लॉक का दर्जा देने की मांग की है। विकास की दृष्टि से जठलाना क्षेत्र बेहद पिछडा हुआ है। क्षेत्र में सुविधा नाम की कोई चीज नहीं है। जठलाना में मात्र एक थाना स्थित है। इसके अलावा क्षेत्र में कोई सरकारी या गैर सरकारी कॉलेज तक नहीं है। क्षेत्र के लोग उच्च शिक्षा ग्रहण करने के लिए रादौर या यमुनानगर जाते है। स्वास्थ्य सुविधा के नाम पर मात्र सरकारी  अस्पताल है। जहां डॉक्टरों की भारी कमी है। ईलाज के लिए यहां के लोग रादौर, लाडवा, यमुनानगर जाते है। क्षेत्र के लोगों ने जठलाना को ब्लॉक का दर्जा दिए जाने की सरकार से मांग की है। जिससे क्षेत्र का विकास हो सके। पूर्व सरपंच जठलाना बीरसिंह, लोकेन्द्र, सोहित, नौशाद, जीतसिंह, रिंकू , बलबीर, इरशाद, रोशन ने बताया कि जठलाना क्षेत्र विकास की दृष्टि से बहुत पिछडा हुआ है। जठलाना में कोई बस स्टैंड नहीं है। बस स्टैंड के नाम पर एक क्यू शैल्टर बना हुआ है। जिसमें कुछ लोग बैठ सकते है। क्षेत्र में बस सुविधा बहुत कम है। अधिकतर लोग नीजि वाहनों से सफर तय करते है। जठलाना में कोई अस्पताल नहीं है। ईलाज के नाम पर केवल एक डिस्पैंसरी है। जहां छोटी, मोटी बिमारियों का ईलाज होता है। इसके अलावा जठलाना में कोई पार्क नहीं है। लोग सडको व खेतों में घुमकर सैर करते है। कोई बारात घर नहीं है। गांव के लोग विवाह, शादियों में गलियों व सड़कों पर टैंट लगाकर काम चलाते है। जठलाना क्षेत्र में कोई अष्टाम विक्रेता तक नहीं है। लोगों को अष्टाम लेने के लिए 10 किलोमीटर दूर रादौर या यमुनानगर जाना पडता है। जिससे आम आदमी के समय व धन की बर्बादी होती है। जठलाना में अधिकतर गलियां कच्ची है। जौहड़ गंदगी से भरे पडें है। जठलाना में कोई सरकारी या गैर सरकारी कॉलेज नहीं है। जिस कारण क्षेत्र की कन्याओं को उच्च शिक्षा ग्रहण करने के लिए दूर जाना पडता है। बहुत सी कन्याएं उच्च शिक्षा ग्रहण करने से वंचित भी रह जाती है। क्षेत्र के लोगों ने सुविधाओं की मांग करते हुए भाजपा सरकार व विधायक श्यामसिंह राणा से जठलाना को ब्लॉक का दर्जा दिए जाने की मांग की है। जिससे जठलाना का भी रादौर की तरह विकास हो सके।