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मुस्तफाबाद में पोक्सो एक्ट पर एक जागरूकता शिविर का किया आयोजन

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मुस्तफाबाद में पोक्सो एक्ट पर एक जागरूकता शिविर का किया आयोजन

मुस्तफाबाद । 2019 को खंड मुस्तफाबाद में पोक्सो एक्ट पर एक जागरूकता शिविर का आयोजन किया गया जिसकी अध्यक्षता महिला एवं बाल विकास परियोजना अधिकारी रेनू शर्मा ने की उन्होंने उपस्थित आंगनवाड़ी वर्कर्स को सम्भोधित करते हुए कहा की सभी वर्कर्स अपने अपने सर्किल में विभाग द्वारा चलाई जा रही स्कीमो को पूरणतः लागु करने हेतु पूरा योगदान करे इसके साथ साथ पोक्सो एक्ट के अंतर्गत किसी भी मामले को बिना देरी के जिला बाल सरंक्षण इकाई के कार्यालय एवं चाइल्ड हेल्पलाइन नंबर 1098 पर सूचित करे और स्पॉन्सरशिप स्कीम के अंतर्गत अनाथ बच्चों को इसका लाभ दिलवाने की कोशिश करे रंजन शर्मा ने बताया की बच्चों के सरंक्षण हेतु आंगनवाड़ी वर्कर समाज की एक अहम कड़ी है योन शोषण से सुरक्षा हेतु बने कानूनों की अपर्याप्ता के कारण बच्चों के खिलाफ योन अपराधों के साथ विशेष रूप से निपटने के लिए बने कानून का निर्माण करने की जरुरत थी अतः लैंगिक अपराधों से बच्चों का सरंक्षण अधिनियम 2012 अधिनियमित किआ गया यह अधिनियम 14 नवंबर 2012 को प्रभाव में आया  इस अधिनियम में बच्चों को निम्नलिखित अपराधों से सरंक्षण प्राप्त करना था पहला योन उत्पीड़न दोसरा योन शोषण और तीसरा अश्लील चित्र और चलचित्र  इसके साथ ही इस अधिनियम में एक ऐसी बल सुलभ प्रणाली का प्रावधान है जिसमे न्यायिक प्रकिया  के हर स्तर पर बच्चों के हित को सुरक्षित रखा जाता है  इसके लिए इस अधिनियम में रिपोर्ट करने के लिए अनुसन्धान के लिए गवाही एवं शीघ्रता से विशेष अदालत द्वारा केस की सुनवाई करने के लिए अनुकूल प्रावधान है योन उत्पीड़न के लिए तीन साल तक की सजा का प्रावधान और जुर्माना दोनों हो सकता है हरियाणा सरकार द्वारा एक महत्पूर्ण फैसला लेते हुए इंडियन पीनल कोड की धारा 376 (3) में संशोधन किया जिसके अनुसार  12 साल से कम उम्र की लड़की से बलात्कार करने पर 20 साल के सश्रम कारावास और अधिकतम मृत्युदंड व आजीवन कारावास की सजा का प्रावधान किया गया आंकड़ों की अगर बात करे तो जिला यमुनानगर में इस वक्त विशेष अदालत के अंतर्गत 55 केस चल रहे है और पिछले एक साल में 79 केस कोर्ट में पुलिस द्वारा भेजे गए और एक साल में 27 पोक्सो केसो  में  अपराधियों को सजा सुनाई गयी और 20 पोक्सो केसो  में अपराधियों को बरी किया गया है इसके साथ साथ बरी किये गए केसो में 8 केसो में उच्च न्यायालय में अपील  भी दाखिल की गयी  इन आंकड़ों के हिसाब से जिला यमुनानगर पुरे हरियाणा प्रदेश में  इस कानून को पूरणतः लागु करने में नंबर एक पर है